अमित शाह और अरविंद केजरीवाल की मुलाकात दे रही बड़े संकेत, इस शांति के पीछे भी कुछ बड़ा 'पकने' के कयास!
By संतोष ठाकुर | Published: February 20, 2020 08:42 AM2020-02-20T08:42:28+5:302020-02-20T12:07:03+5:30
'आप' की विस्तारवादी सोच केजरीवाल की पार्टी दिल्ली में तीसरी बार बंपर जीत मिली. इसके बाद से ही आम आदमी पार्टी ने यह संकेत देना शुरू कर दिया है कि वह अब दिल्ली से बाहर अपना विस्तार करना चाहती है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. दोनों नेताओं के बीच इस भेंट को लेकर सभी को उत्सुकता थी. हालांकि केजरीवाल ने मुलाकात के बाद कुछ भी ऐसा नहीं कहा जो सुर्खियां बने, लेकिन जानकार इस शांति के पीछे भी कुछ बड़ा पकने के कयास लगा रहे हैं. केजरीवाल ने केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात को उत्साहजनक करार दिया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों ही इस बात पर सहमत थे कि दिल्ली का विकास मिलकर किया जाए. वह शाहीनबाग पर भी कुछ कहने से बचे. उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं के बीच इस मुद्दे पर कोई बात नहीं हुई है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस बयान से भले ही उन लोगों को निराशा हुई हो जो कुछ मसाला बयान की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि केजरीवाल का यह बयान उनकी बड़ी राजनीतिक महत्वाकांक्षा और रणनीति को सामने लाता है.
'आप' की विस्तारवादी सोच केजरीवाल की पार्टी दिल्ली में तीसरी बार बंपर जीत मिली. इसके बाद से ही आम आदमी पार्टी ने यह संकेत देना शुरू कर दिया है कि वह अब दिल्ली से बाहर अपना विस्तार करना चाहती है. खासकर पंजाब, हरियाणा और गोवा हमेशा से उसके लक्षय में रहे हैं. ऐसे में केजरीवाल नहीं चाहते हैं कि जब वह अपने इस अभियान के लिए रवाना हों तो भाजपा दिल्ली में रोड़े अटकाने लगे.
पहले से बड़ा सोच रहे केजरी जब इस मुलाकात की घोषणा हुई तो यह माना गया कि वह दिल्ली पुलिस हासिल करने के लिए नया अभियान शुरू करेंगे. लेकिन जिस तरह से उन्होंने इस मुलाकात को एक शिष्टाचार भेंट तक सीमति कर दिया उससे साफ है कि केजरीवाल का लक्ष्य अब पहले से बड़ा और स्पष्ट है. जिसकी राह में कम से कम वह स्वयं बाधा नहीं खड़ा करना चाहते हैं.