कोरोना के कहर के बीच राजस्थान की कृषि मंडियों में हड़ताल 15 तक बढ़ी, जानिए आखिर क्यों हैं मंडी व्यापारी नाराज
By भाषा | Published: May 11, 2020 01:16 PM2020-05-11T13:16:28+5:302020-05-11T13:16:38+5:30
राजस्थान की कृषि मंडियों में 6 मई से जारी हड़ताल पांच दिन और 15 मई तक बढ़ गयी है। इस हड़ताल के कारण राज्य की 247 कृषि उपज मंडियां बंद हैं।
जयपुर: कृषि उपजों की खरीद-बिक्री पर दो प्रतिशत कृषक कल्याण शुल्क लगाने के विरोध में राजस्थान की कृषि मंडियों में जारी हड़ताल पांच दिन और 15 मई तक बढ़ गयी है। इस शुल्क को वापस लेने की मांग को लेकर मंडी व्यापारी छह मई से हड़ताल पर हैं। राजस्थान खाद्य व्यापार संघ के अध्यक्ष बाबू लाल गुप्ता ने कहा कि सरकार की ओर से कोई सकारात्मक पहल नहीं किए जाने के कारण हमने हड़ताल फिलहाल 15 मई तक बढ़ा दी है।
उन्होंने कहा कि इस आंदोलन में आगे का फैसला भी सरकार के रुख पर निर्भर करेगा। इस हड़ताल के कारण राज्य की 247 कृषि उपज मंडियां बंद हैं। गुप्ता के अनुसार संकट के इस समय में ऐसा शुल्क लगाना राज्य के खाद्य पदार्थ व्यापारियों के लिए घातक है। राजस्थान सरकार ने कृषक कल्याण कोष के लिए पैसा जुटाने के लिए राज्य के मंडियों में कृषि उपजों की खरीद-बिक्री पर दो प्रतिशत कृषक कल्याण शुल्क लगाने की घोषणा पांच मई को की।
अधिकारियों का कहना है कि शुल्क का भार किसानों एलवं व्यापारियों पर नहीं पड़ेगा। प्रमुख शासन सचिव (कृषि) नरेशपाल गंगवार के अनुसार कृषि उपज मंडी में उपज की खरीद-बिक्री पर लगाए गए कृषक कल्याण शुल्क का भार किसानों और व्यापारियों पर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा है कि पड़ोसी राज्यों में मंडी और विकास शुल्क मिलाकर अब भी राजस्थान से ज्यादा है। इस शुल्क से मिलने वाली राशि का पूरा उपयोग मात्र किसान कल्याण के लिए किया जाएगा। यह शुल्क किसानों से नहीं वसूला जाएगा।
राजस्थान में कोरोना का कहर भी जारी है। सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण 84 नये मामले सामने आए जिससे राज्य में इस घातक वायरस के संक्रमितों की कुल संख्या 3,898 हो गयी है। राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण से अब तक कुल 108 मौत हो चुकी हैं। केवल जयपुर में कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वालों का आंकड़ा 57 हो गया है जबकि जोधपुर में 17 और कोटा में 10 रोगियों की मौत हो चुकी है।