कोरोना संकट के कारण इस बार नहीं होगा संसद का शीतकालीन सत्र, जनवरी में बजट सेशन
By विनीत कुमार | Published: December 15, 2020 11:23 AM2020-12-15T11:23:33+5:302020-12-15T11:36:38+5:30
संसद का शीतकालीन सत्र इस बार आयोजित नहीं किया जाएगा। इसकी वजह कोरोना संकट को बताया गया है। संसद का अब सीधे बजट सत्र जनवरी के आखिरी हफ्ते में बुलाया जा सकता है।
संसद का शीतकालीन सत्र इस बार कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे को देखते हुए नहीं होगा। सरकार की ओर से इस बारे में जानकारी दी गई है। संसदीय मामलों के मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा है कि सभी पार्टियां शीतकालीन सत्र को टालने के हक में हैं ताकि कोरोना के फैलाव का खतरा नहीं हो। जोशी के अनुसार अब सीधे जनवरी में बजट सत्र आयोजित किया जाएगा।
संसद के शीतकालीन सत्र नहीं बुलाए जाने की पुष्टि प्रहालद जोशी ने कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को पत्र के जरिए दिए एक जवाब में की है। अधीर रंजन चौधरी ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के दिल्ली के बॉर्डर पर जारी आंदोलन पर चर्चा के लिए सत्र बुलाने की मांग की थी। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन ने तत्काल कृषि कानूनों में संसोधन की बात कहते हुए सत्र की मांग थी।
इस पर प्रहलाद जोशी ने जवाब दिया है कि उन्होंने सभी पार्टियों के नेताओं से चर्चा की है और यही सहमति बनी कि कोरोना को देखते हुए शीतसत्र नहीं बुलाया जाए। उन्होंने कहा, 'हालांकि, इसी बीच सितंबर में देर से मानसून सत्र बुलाया गया था और ये काफी अच्छा रहा। इस सत्र में 10 लगातार बैठक में 27 बिल पास हुए।'
"Various political party leaders expressed their concerns about the pandemic&opined of doing away with Winter Session.Appropriate to have Budget Session2021 in Jan,"says Union Parliamentary Affairs Min to Cong's AR Chowdhury on his letter on convening winter session of Parliament pic.twitter.com/ufiLEN7Vzj
— ANI (@ANI) December 15, 2020
बता दें कि इसी मानसून सत्र में तीन कृषि बिल भी पास हुए जिसे लेकर अब बवाल मचा हुआ है। प्रहलाद जोशी ने अधीर रंजन चौधरी को लिखा, 'हम अभी दिसंबर के मध्य में हैं और ऐसी उम्मीद है कि कोविड वैक्सीन जल्द आ जाएगी। सरकार जल्द से जल्द संसद का सत्र बुलाना चाहती है। मैंने सभी पार्टियो के फ्लोर नेताओं से बात की है और कोरोना को देखते हुए जनवरी-2021 में बजट सत्र बुलाना ठीक रहेगा।'
संविधान के अनुसार संसद का सत्र छह महीने में एक बार जरूर बुलाया जाना चाहिए। ऐसे में माना जा रहा है कि जनवरी के आखिरी हफ्ते में संसद का सत्र बुलाया जा सकता है। दरअसल, बजट भी 1 फरवरी को पेश किया जाना है।
इससे पहले कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने भी पिछले हफ्ते कृषि सुधार कानूनों पर किसानों के वर्तमान आंदोलन, चीन के आक्रामक रवैये और कोविड-19 जैसे देश के समक्ष मौजूद ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा करने के लिए संसद का शीतकालीन सत्र जल्द बुलाने की मांग रखी थी।
मनीष तिवारी ने कहा था कि स्थायी समितियों और संयुक्त संसदीय समितियां जैसी कई संसदीय समितियां तो पहले से ही नियमिति बैठकें कर रही हैं, ऐसे में सदन के शीतकालीन सत्र को छोड़ देने का कोई तुक या वजह नहीं है।