अम्फान चक्रवात: सुंदरबन में BSF ने अपने जहाजों और गश्ती नौकाओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया
By भाषा | Published: May 20, 2020 12:16 AM2020-05-20T00:16:23+5:302020-05-20T00:20:19+5:30
बीएसएफ के उपमहानिरीक्षक (दक्षिण बंगाल फ्रंटियर) एस एस गुलेरिया ने पीटीआई-भाषा से कहा कि इन नौकाओं और जहाजों से संबद्ध लोग इस चक्रवात के सक्रिय रहने तक भूमि सीमा चौकियों पर रहेंगे। बल ने एक बयान में कहा, ‘‘जवानों को अलर्ट रखा गया है और उन्हें चक्रवात के सुंदरबन पहुंचने तक सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। तबतक भू-क्षेत्रों में वाहनों से एवं पैदल गश्ती की जा रही है।’’
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने पश्चिम बंगाल में भारत-बांग्लादेश नदी क्षेत्र मोर्चे और इच्छामती नदी की सुरक्षा के लिए तैनात अपनी तीन चलती-फिरती सीमा चौकियों या जहाज तथा 45 अन्य गश्ती नौकाओं को चक्रवात अम्फान के मद्देनजर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
बीएसएफ का दक्षिण बंगाल फ्रंटियर इन जहाज और नौकाओं का इस्तेमाल इस क्षेत्र में करीब 350 किलोमीटर लंबे नदी क्षेत्र की रक्षा के लिए करता है। वह यहां 930 किलोमीटर से अधिक लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा करता है जिसमें सुंदरबन, एश्चुअरी प्वाइंट, इच्छामती नदी और पानीतार का 110 किलोमीटर लंबा क्षेत्र आता है।
इस इलाके में दोनों देशों की भूमि और नदी सीमाएं एक दूसरे से मिलती हैं। तीन चलती-फिरती सीमा चौकियों या जहाज तथा 45 अन्य गश्ती एवं यांत्रिक नौकाओं को चक्रवात अम्फान के मद्देनजर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है।
बीएसएफ के उपमहानिरीक्षक (दक्षिण बंगाल फ्रंटियर) एस एस गुलेरिया ने पीटीआई-भाषा से कहा कि इन नौकाओं और जहाजों से संबद्ध लोग इस चक्रवात के सक्रिय रहने तक भूमि सीमा चौकियों पर रहेंगे। बल ने एक बयान में कहा, ‘‘जवानों को अलर्ट रखा गया है और उन्हें चक्रवात के सुंदरबन पहुंचने तक सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। तबतक भू-क्षेत्रों में वाहनों से एवं पैदल गश्ती की जा रही है।’’
उसने कहा, ‘‘ कर्मियों को चक्रवात से बचाने के लिए कंक्रीट के निर्धारित मकानों में पहुंचाया जाएगा।’’ एनडीआएफ में अपनी सेवा दे चुके गुलेरिया ने कहा कि इलेक्ट्रिशियनों, राज-मिस्त्रियों और इंजीनियरों की एक टीम नदी सीमा क्षेत्रों में भेजी गयी है ताकि वे किसी नुकसान की सूरत में बुनियादी ढांचों की यथाशीघ मरम्मत और बहाली में मदद कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि नदी सीमा चौकियों पर सैटेलाइट फोन भी प्रदान किये गये हैं, ताकि संवाद कायम रहे।
उन्होंने बताया कि हंसाबाद में चक्रवात संबंधी अभियानों के लिए एक नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया गया है, वहीं बीएसएफ की जल शाखा अवस्थित है। बीएसएफ ने कहा कि डॉक्टरों, अर्धचिकित्साकर्मियों, जीवनरक्षक दवाओं और दो एंबुलेंस की टीम हंसाबाद नियंत्रण कक्ष के साथ लगायी गयी है। उसने कहा कि दो तीव्र नौकाएं जल एंबुलेंस की भांति कार्य करेंगी क्योंकि पेड़ों एवं बिजली के खंभों के उखड़ने से सड़क संपर्क अवरूद्ध हो जाने की संभावना है।
बीएसएफ के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बल स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने तथा चक्रवात के बाद तलाशी एवं बचाव अभियान शुरू करने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआएफ) के साथ तालमेल कायम कर चल रहा है। इस प्रचंड तूफान के 20 मई को पश्चिम बंगाल के दीघा और बांग्लादेश के हटिया द्वीप के बीच तट पर पहुंचने की संभावना है। उन्होंने कहा , ‘‘बीएसएफ चक्रवात से पैदा होने वाली आपदा का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह तैयार है।’’