भारत कश्मीर में इस्तेमाल कर रहा है चीन की मुस्लिम विरोधी नीति, अमेरिकी अखबार में चौंकाने वाला दावा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 17, 2019 06:37 PM2019-10-17T18:37:09+5:302019-10-17T18:37:09+5:30

अमेरिकी अखबार ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि कश्मीर में भी लगभग वहीं स्थिति बन रही है जैसा चीन के मुस्लिम बहुल जिनजियांग में है।

Amercan newspaper on Jammu Kashmir and china Xinjiang similarity says China Exporting Anti Muslim Strategy to India | भारत कश्मीर में इस्तेमाल कर रहा है चीन की मुस्लिम विरोधी नीति, अमेरिकी अखबार में चौंकाने वाला दावा

जम्मू-कश्मीर में क्या बन रहे हैं चीन जैसे हालात (फोटो-एएफपी)

Highlightsअमेरिकी अखबार ने अपनी रिपोर्ट में कश्मीर की तुलना चीन के जिनजियांग से की हैरिपोर्ट के मुताबिक चीन और भारत दोनों देशों में इस्लामोफोबिया और ऑनलाइन 'नफरत' में वृद्धि हुई है

जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाये जाने और इससे लद्दाख को अलग किये जाने के बाद वहां लगातार जारी प्रतिबंध के बीच एक अमेरिकी अखबार 'द नेशन' ने दावा किया है कि भारत में भी मुस्लिमों के खिलाफ चीन जैसी स्थिति बनाने की कोशिश हो रही है।

अखबार ने मध्य एशिया के एक एक्सपर्ट और जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर जेम्स मिलवार्ड के हवाले से कहा है कि कश्मीर में मौजूदा स्थिति कुछ ऐसी ही है जो जुलाई-2009 के चीन के जिनजियांग में हुए दंगों के बाद थी। ऐसे में जेम्स मिलवार्ड इस बात की भी आशंका जता रहे हैं कि क्या भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कश्मीर में 'चीनी किताब' के एक पन्ने का इस्तेमाल कर रहे हैं।

अखबार ने कुछ और विशेषज्ञों के हवाले से यह बताने की कोशिश कर रहा है कि कैसे कश्मीर और चीन के जिनजियांग की स्थिति बहुत हद तक एक समान है। 

चीन के जिनजियांग में 10 महीनों तक सबकुछ रहा बंद

जिनजियांग की राजधानी उरुमकी में जुलाई-2009 में दंगा फैला। यहां ज्यादातर वीगर मुस्लिम रहते हैं। इसके बाद चीनी सरकार ने बड़ा कदम उठाया और क्षेत्र में इंटरनेट समेत संचार के सभी माध्यम बंद कर दिये। करीब 10 महीनों तक 2 करोड़ की आबादी वाला ये क्षेत्र दुनिया से कटा रहा। कश्मीर और जिनजियांग को हिमालय पहाड़ अलग करते हैं लेकिन दोनों में कई समानता है।

अखबार के अनुसार दिल्ली के एक थिंक टैंक 'फ्यूचर काउंसिल' के डायरेक्टर और मानवाधिकार कार्यकर्ता ओवैस सुल्तान खान कहते हैं, 'कश्मीर और जिनजियांग में कई समानता है। वीगर मुस्लिमों कां 'संहार' चीनी प्रशासन कर रहा है और दोनों चीन और भारत वीगर और कश्मीरी लोगों को दबाने के लिए अपने तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं।'

मुस्लिमों के खिलाफ 'नफरत' और इस्लामोफोबिया में वृद्धि

रिपोर्ट के मुताबिक इस्लामोफोबिया और ऑनलाइन 'नफरत' चीन और भारत दोनों देशों में तेजी से बढ़ा है। भारत में हाल के वर्षों में लिंचिंग जैसी घटनाएं बढ़ी हैं। वहीं, चीन में 1989 के टियानानमेन नरसंहार, दलाई लामा की तस्वीरों, या फिर सेंसरशिप की वजह से 'विनी द पू' की तस्वीरें नहीं देखने को मिलती हैं लेकिन मुस्लिम विरोधी कई कंटेंट नजर आ जाएंगे।

तकनीक की मदद से 'चौकसी'

अखबार के अनुसार तकनीक की मदद से चौकसी कश्मीर में बढ़ रही है। इनमें से ज्यादातर तकनीक संभवत: चीन से लाए जा रहे हैं। चीनी नियंत्रित कंपनी हिकविजन दुनिया की सबसे बड़ी सीसीटीवी कैमरा बनाने वाली कंपनियों में से एक है। इसका जिनजियांग की पुलिस से करार है और अब एक रिपोर्ट के अनुसार ये कंपनी भारत में भी अपने तकनीक भेज रही है। सीसीटीवी के अलावा ड्रोन और दूसरे तकनीक का भी इस्तेमाल बढ़ाने की कोशिश है। इसके अलावा कश्मीर में दूसरे धर्मों के लोगों को जाने और बसने सहित बाहर से बिजनेस लाने की भी बात हो रही है।

हालांकि, अखबार अपनी रिपोर्ट में आखिर में ये भी कहता है कि कश्मीर के लिए अच्छी बात ये है कि भारत उस हद तक नहीं जा रहा है जैसा चीन में है। ऐसा इसलिए कि अब भी भारत और कश्मीर में सिविल सोसायटी है, कुछ हद तक आजाद मीडिया है और स्वतंत्र माने जाने वाली न्यायिक व्यवस्था है।

Web Title: Amercan newspaper on Jammu Kashmir and china Xinjiang similarity says China Exporting Anti Muslim Strategy to India

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