यूपी में विदेशी निवेश बढ़ाने के लिए FDI नीति में संशोधन, सरकार को उम्मीद महाराष्ट्र, गुजरात के साथ अब यूपी में होगा विदेशी निवेश

By राजेंद्र कुमार | Published: November 4, 2024 07:48 PM2024-11-04T19:48:45+5:302024-11-04T19:51:14+5:30

सरकार का मानना है कि एफडीआई नीति में किए गए संशोधन के चलते राज्य में विदेशी निवेश में इजाफा होगा और अमेरिका, जर्मनी, जापान और कोरिया की बड़ी कंपनियाँ यूपी में अपनी फैक्ट्री लगाने की पहल करेंगी।

Amendment in FDI policy to increase foreign investment in UP, government hopes foreign investment will now come to UP along with Maharashtra, Gujarat | यूपी में विदेशी निवेश बढ़ाने के लिए FDI नीति में संशोधन, सरकार को उम्मीद महाराष्ट्र, गुजरात के साथ अब यूपी में होगा विदेशी निवेश

यूपी में विदेशी निवेश बढ़ाने के लिए FDI नीति में संशोधन, सरकार को उम्मीद महाराष्ट्र, गुजरात के साथ अब यूपी में होगा विदेशी निवेश

Highlightsयोगी सरकार ने प्रदेश में विदेशी निवेश को लाने के लिए बीते साल एफडीआई नीति भी लाईराज्य सरकार ने सूबे में फॉर्च्यून 500 कंपनियों के निवेश के लिए अपनी FDI नीति में संशोधन कर दिया एफडीआई नीति में किए गए संशोधन के चलते राज्य में विदेशी निवेश में इजाफा होगा

लखनऊ: योगी सरकार के तमाम प्रयासों के बाद भी विदेशी निवेशकों ने उत्तर प्रदेश में निवेश करने में रुचि नहीं दिखाई, हालांकि योगी सरकार ने प्रदेश में विदेशी निवेश को लाने के लिए बीते साल फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (एफडीआई) नीति भी लाई। इसके बाद भी विदेशी कंपनियों ने महाराष्ट्र, गुजरात, चेन्नई, कर्नाटक और हैदराबाद में अपने उद्यम स्थापित करने की पहल की। ऐसे में अब योगी सरकार ने सूबे में फॉर्च्यून 500 कंपनियों के निवेश के लिए अपनी एफडीआई नीति में संशोधन कर दिया है। सरकार का मानना है कि एफडीआई नीति में किए गए संशोधन के चलते राज्य में विदेशी निवेश में इजाफा होगा और अमेरिका, जर्मनी, जापान और कोरिया की बड़ी कंपनियाँ यूपी में अपनी फैक्ट्री लगाने की पहल करेंगी।

100 करोड़ के निवेश को माना जाएगा पात्र 

सूबे के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने सोमवार को पत्रकारों को एफडीआई नीति में किए गए संशोधन की जानकारी देते हुए यह उम्मीद जताई हैं। सुरेश खन्ना के अनुसार, सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में एफडीआई एवं फॉर्च्यून 500 कंपनियों के निवेश हेतु प्रोत्साहन नीति 2023 में संशोधन को मंजूरी दे दी। इस संशोधन के माध्यम से अब यूपी में ऐसी विदेशी कंपनियां भी प्रदेश में निवेश कर सकेंगी जो इक्विटी के साथ-साथ लोन या किसी अन्य स्रोत से पैसों की व्यवस्था करती हैं।

बीते साल लाई गई एफ़डीआई नीति में किए गए संशोधन के चलते अब नीति में अर्हता के लिए निवेश की न्यूनतम सीमा 100 करोड़ रुपए रखी गई है। आरबीआई की तरफ से जो एफडीआई की परिभाषा दी गई है, उसके अनुसार अभी तक मात्र इक्विटी में किए गए निवेश को ही एफडीआई में सम्मिलित किया जाता है।

इसके अलावा विदेशी निवेशक कंपनी द्वारा की गई फॉरेन कैपिटल इन्वेस्टमेंट राशि (जिसमें इक्विटी में न्यूनतम 10 प्रतिशत तथा शेष ऋण व अन्य इंस्ट्रूमेंट के माध्यम से मिलाकर 100 करोड़ रुपए का निवेश) को इस नीति के अंतर्गत पात्र माना जाएगा तथा पूंजी निवेश की गणना में सम्मिलित किया जाएगा। 

सुरेश खन्‍ना के अनुसार, अब नई एफ़डीआई नीति को फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट, फॉरेन कैपिटल इन्वेस्टमेंट एंड फॉर्च्यून ग्लोबल 500 एंड फॉर्च्यून इंडिया 500 इन्वेस्टमेंट प्रमोशन पॉलिसी 2023 कहा जाएगा. फॉरेन कैपिटल इन्वेस्टमेंट के रूप में इक्विटी में निवेश करने वाली विदेशी कंपनी के लिए प्रिफरेंस शेयर, डिबेंचर, एक्सटर्नल कमर्शियल बोरोइंग, स्टैंड बाय लेटर ऑफ क्रेडिट, लैटर्स ऑफ गारंटी व अन्य डेब्ट सिक्योरिटी को भी शामिल कर दिया गया है।

सुरेश खन्ना का दावा है कि उक्त संशोधन से अब यूपी में विदेशी निवेश बढ़ेगा। अमेरिका, यूरोप और रूस तथा कोरिया की बड़ी कंपनियाँ यूपी में निवेश करने की पहल करेंगी।

Web Title: Amendment in FDI policy to increase foreign investment in UP, government hopes foreign investment will now come to UP along with Maharashtra, Gujarat

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