संशोधित जीएनसीटीडी कानून से संविधान प्रदत्त शक्तियों, संघवाद के सिद्धांतों का उल्लंघन : दिल्ली सरकार

By भाषा | Published: September 14, 2021 11:20 PM2021-09-14T23:20:58+5:302021-09-14T23:20:58+5:30

Amended GNCTD Act violates Constitutional powers, principles of federalism: Delhi government | संशोधित जीएनसीटीडी कानून से संविधान प्रदत्त शक्तियों, संघवाद के सिद्धांतों का उल्लंघन : दिल्ली सरकार

संशोधित जीएनसीटीडी कानून से संविधान प्रदत्त शक्तियों, संघवाद के सिद्धांतों का उल्लंघन : दिल्ली सरकार

नयी दिल्ली, 14 सितंबर दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन (संशोधन) अधिनियम या जीएनसीटीडी (संशोधन) अधिनियम की चार धाराओं और दिल्ली सरकार के कामकाज से संबंधित 13 नियमों को निरस्त करने के लिए उच्चतम न्यायालय में दाखिल अपनी याचिका में कहा है कि निर्वाचित विधानसभा और मंत्रिपरिषद्‍ की संविधान प्रदत शक्तियों और कामकाज को कम करके संघवाद के सिद्धांतों का उल्लंघन किया है।

दिल्ली सरकार ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के माध्यम से दाखिल अपनी याचिका में जीएनसीटीडी अधिनियम की चार संशोधित धाराओं और दिल्ली सरकार के कामकाज से संबंधित 13 नियमों को विभिन्न आधारों पर निरस्त करने का अनुरोध किया है।

प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने सोमवार को दिल्ली सरकार को आश्वासन दिया था कि वह जल्द ही आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली सरकार की रिट याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का आदेश देगी।

दिल्ली सरकार ने उच्च न्यायालय जाने के बजाय इस बार सीधे उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और आरोप लगाया कि संशोधित प्रावधानों ने दिल्ली-केंद्र के बीच अधिकारों को लेकर विवाद पर पांच-न्यायाधीशों की पीठ के फैसले का उल्लंघन किया है।

याचिका में कहा गया है कि यह कानून (राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन (संशोधन) अधिनियम, 2021) उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ के फैसले के विरोधाभासी और संविधान के अनुच्छेद 239एए (जो दिल्ली के दर्जे से संबंधित है) उसके भी खिलाफ है।

इसमें कहा गया है, ‘‘संशोधन अधिनियम द्वारा सम्मिलित प्रावधान जो यहां लागू हैं, संघवाद, शक्तियों के पृथक्करण और कानून के शासन के सिद्धांतों का उल्लंघन करते हैं, जो संविधान की आवश्यक विशेषताएं हैं। इसलिए, संशोधन अधिनियम संविधान के "मूल ढांचे" का भी उल्लंघन करता है।’’

राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन (संशोधन) अधिनियम या जीएनसीटीडी (संशोधन) अधिनियम 2021 लोकसभा से 22 मार्च को और राज्यसभा से 24 मार्च को पारित हुआ था और उसके बाद प्रभाव में आ गया था। इस संशोधन से दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन अधिनियम, 1991 के चार प्रावधान बदले गए।

याचिका में आरोप लगाया गया कि संशोधित कानून में निर्वाचित सरकार के बजाए उप राज्यपाल को अधिक शक्तियां दी गईं।

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Web Title: Amended GNCTD Act violates Constitutional powers, principles of federalism: Delhi government

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