सामाजिक कार्यकर्ता अम्बरीश राय का कोरोना से निधन, राइट टू एजुकेशन फोरम के थे संयोजक
By अरविंद कुमार | Published: April 23, 2021 01:44 PM2021-04-23T13:44:11+5:302021-04-23T13:47:52+5:30
अम्बरीश राय 2010 से शिक्षा अधिकार कानून के क्रियान्वन आंदोलन से जुड़े थे। इसे लागू कराने में उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई थी।
मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा अधिकार कानून को सही ढंग से लागू करने के लिए चलाए गए आंदोलन के सूत्रधार एवं प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता अम्बरीश राय का शुक्रवार सुबह कोरोना के कारण निधन हो गया। वह 61 वर्ष के थे।
उनके परिवार में पत्नी के अलावा एक पुत्र है जो अमरीका में रहता है। राय राइट टू एजुकेशन फोरम के संयोजक थे और देश के प्रमुख शिक्षाविदों से जुड़े थे।
इस फोरम से देश भर के शिक्षा से जुड़े करीब एक हजार संगठन जुड़े हुए थे। अम्बरीश राय को सांस लेने में तकलीफ के कारण पिछले दिनों अंबेडकर अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उन्हें बाद में किसी कोविड अस्पताल में भर्ती होने के लिए कहा गया।
हालांकि, अस्पताल में बिस्तर न मिल पाने के कारण उनका समुचित इलाज नहीं हो सका और उन्होंने शुक्रवार सुबह दम तोड़ दिया। उन्होंने 5 अप्रैल को कोविड का टीका भी लगाया था।
अम्बरीश राय ने अपनी शिक्षा दीक्षा बुंदेलखंड और लखनऊ में की और वे वाम छात्र नेता भी थे। वे ए आई इस एफ के सचिव भी थे। वे 2010 से शिक्षा अधिकार कानून के क्रियान्वन आंदोलन से जुड़े थे। इस आंदोलन के अगुवा पूर्व विदेश सचिव मुचकुंद दुबे से भी जुड़े थे।
उन्होंने मजदूर संगठनों और आदिवासी अधिकारों के लिए भी काम किया था। उन्होंने देश भर में शिक्षा के निजीकरण के खिलाफ कई सम्मेलन कार्यशाला का आयोजन किया था और सांसदों को भी जोड़ने की मुहिम चलाई थी।