अमरनाथ यात्रा की तैयारियां पूरी, 150 से अधिक लंगर, एक लाख से अधिक सुरक्षाकर्मी सेवा में
By सुरेश डुग्गर | Published: June 29, 2019 05:16 PM2019-06-29T17:16:35+5:302019-06-29T17:16:35+5:30
अधिकारियों के मुताबिक, आतंकवादियों और उनकी हरकतों पर नजर रखने के लिए वायुसेना की भी मदद मांगी गई है। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि अमरनाथ यात्रा पहाड़ों से हो कर गुजरती है और पहाड़ों के चप्पे चप्पे पर सैनिकों को तैनात नहीं किया जा सकता।
जम्मू से लेकर बालटाल तथा पहलगाम तक के यात्रा मार्ग की सुरक्षा को केरिपुब के हवाले किया जा चुका है। पहलगाम से गुफा तथा बालटाल से गुफा तक के रास्तों पर सेना और बीएसएफ भी स्थानीय पुलिस का साथ दे रही है। अनुमानतः कुल एक लाख से अधिक सुरक्षाकर्मी यात्रा के मोर्चे पर तैनात किए जा चुके हैं। यही नहीं राज्य प्रशासन से लेकर केंद्रीय गृहमंत्री तक सभी का ध्यान अब अमरनाथ यात्रा के प्रति ही इसलिए है क्योंकि यह अब धार्मिक से राष्ट्रीय यात्रा का रूप धारण कर चुकी है जिस कारण आतंकी नजरें भी इस पर टिकी हुई हैं।
इतना जरूर था कि आतंकी तैयारियों में कहीं ढील नहीं थी। इसकी पुष्टि वे सुरक्षाधिकारी कर रहे हैं जिनके जिम्मे अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा का भार है। इन अधिकारियों ने बताया कि ऐसे वायरलेस संदेश सुने गए हैं तथा मारे गए आतंकवादियों के कब्जे से बरामद दस्तावेज दर्शाते हैं कि आतंकवादियों ने अब रणनीति को बदलते हुए पर्यटकों और अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने की तैयारियां की हैं। इसकी खातिर पहले से ही एनएसजी कमांडों के साथ-साथ ड्रोन का सहारा लिया जा रहा है।
ऐसे में केंद्र की ओर से अतिरिक्त सुरक्षाबलों को अमरनाथ यात्रा मार्ग, गुफा के आसपास के इलाकों और यात्रियों की सुरक्षा की खातिर आधार शिविरों व राजमार्ग पर तैनात किया जा रहा है। अंदाजन एक लाख सुरक्षाकर्मियों को अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए तैनात कर दिया गया है। इसमें वे सैनिक शामिल नहीं हैं जो रूटीन में आतंकवादग्रस्त क्षेत्रों में अपने आतंकवाद विरोधी अभियान चलाते रहते हैं।
अधिकारियों के मुताबिक, आतंकवादियों और उनकी हरकतों पर नजर रखने के लिए वायुसेना की भी मदद मांगी गई है। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि अमरनाथ यात्रा पहाड़ों से हो कर गुजरती है और पहाड़ों के चप्पे चप्पे पर सैनिकों को तैनात नहीं किया जा सकता। इसी प्रकार राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी अमरनाथ यात्रा के जत्थों की सुरक्षा के लिए वायुसेना के लड़ाकू हेलिकाप्टरों को भी तैनात किया गया है।