अमरनाथ यात्राः अभी भी उम्मीद में है जम्मू-कश्मीर प्रशासन, विकल्पों पर विचार जारी, जानें मामला

By सुरेश एस डुग्गर | Published: June 12, 2021 03:49 PM2021-06-12T15:49:06+5:302021-06-12T15:50:33+5:30

28 जून को अमरनाथ यात्रा शुरू होनी है और 22 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा के दिन यह समाप्त होगी। यात्रा के लिए पंजीकरण पांच छह दिनों के बाद ही रोक दिया गया था

Amarnath Yatra administration hope options considered Jammu and Kashmir police | अमरनाथ यात्राः अभी भी उम्मीद में है जम्मू-कश्मीर प्रशासन, विकल्पों पर विचार जारी, जानें मामला

सूत्र बताते हैं कि इस बार 22 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा होने के कारण यात्रा अवधि लगभग दो माह की है। (file photo)

Highlightsकोरोना की दूसरी लहर के कारण हालात खराब हो गए थे।उप राज्यपाल को कई विकल्प सुझाए जा चुके हैं।अमरनाथ यात्रा श्राइन बोर्ड की बैठक में इन विकल्पों पर मंथन के बाद ही कोई फैसला आ पाएगा।

जम्मूः अमरनाथ यात्रा के प्रति जम्मू-कश्मीर प्रशासन अभी भी उम्मीद से है। इस उम्मीद को उप राज्यपाल मनोज सिन्हा एक टीवी चैनल के साथ साक्षात्कार में प्रकट कर चुके हैं।

 

उनका कहना था कि यात्रा को रद्द करने का फैसला अभी नहीं लिया गया है। इस महीने की 28 तारीख को अमरनाथ यात्रा शुरू होनी है और 22 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा के दिन यह समाप्त होगी। यात्रा के लिए पंजीकरण पांच छह दिनों के बाद ही रोक दिया गया था क्योंकि कोरोना की दूसरी लहर के कारण हालात खराब हो गए थे।

साक्षात्कार में हालांकि सिन्हा इसे मानते हैं कि यात्रा के लिए जरूरी न्यूनतम प्रबंध भी मूर्त रूप नहीं ले पाए हैं पर इसके बावजूद उन्हें उम्मीद है कि स्थिति की समीक्षा कर इसके प्रति कोई सकारात्मक फैसला लिया जाएगा। उप राज्यपाल की ‘उम्मीद’ के उपरांत यात्रा से जुड़े एक अधिकारी का कहना था कि इसके लिए उप राज्यपाल को कई विकल्प सुझाए जा चुके हैं और अब अमरनाथ यात्रा श्राइन बोर्ड की बैठक में इन विकल्पों पर मंथन के बाद ही कोई फैसला आ पाएगा।

सुझाए गए विकल्पों में यात्रा अवधि में कटौती करने और इसे सिर्फ हेलिकाप्टर के माध्यम से करवाने का सुझाव भी दिया गया है। सूत्र बताते हैं कि इस बार 22 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा होने के कारण यात्रा अवधि लगभग दो माह की है और इसे प्रथम अगस्त से शुरू करने का भी सुझाव है।

अधिकारी कहते थे कि अगर प्रशासन यात्रा करवाना ही चाहता है तो इसे 22 दिनों की की जा सकती है। उनका कहना था कि इससे पंजीकरण प्रक्रिया और लंगर लगाने की व्यवस्थाएं भी पूर्ण हो सकती हैं। याद रहे कि अमरनाथ यात्रा श्राइन बोर्ड के गठन से पहले हमेशा ही यात्रा 15 दिनों की हुआ करती थी। अर्थात रक्षा बंधन से 15 दिन पहले ही इसकी शुरूआत हुआ करती थी।

Web Title: Amarnath Yatra administration hope options considered Jammu and Kashmir police

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