Amarnath Yatra 2022: अमरनाथ गुफा में उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने की श्रीनगर से ऑनलाइन पूजा, विधिवत रूप से यात्रा हुई प्रारंभ
By सुरेश एस डुग्गर | Published: June 30, 2022 05:12 PM2022-06-30T17:12:36+5:302022-06-30T17:15:28+5:30
यह पहली बार है कि किसी उप-राज्यपाल या राज्यपाल ने इस तरह से ऑनलाइन पूजा कर यात्रा की विधिवत शुरूआत की हो। उन्होंने विधिवत पूजा-अर्चना की और प्रदेश की शांति व खुशहाली के लिए प्रार्थना की।
जम्मू: अमरनाथ की पवित्र गुफा में विराजमान हिम शिवलिंग की उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा ऑनलाइन पूजा-अर्चना के साथ ही बाबा अमरनाथ की वार्षिक यात्रा शुरू हो गई। उप राज्यपाल ने आज सुबह अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अन्य अधिकारियों के संग पवित्र गुफा से प्रसारित ऑनलाइन दर्शन कर प्रथम पूजा की।
यह पहली बार है कि किसी उप-राज्यपाल या राज्यपाल ने इस तरह से ऑनलाइन पूजा कर यात्रा की विधिवत शुरूआत की हो। उन्होंने विधिवत पूजा-अर्चना की और प्रदेश की शांति व खुशहाली के लिए प्रार्थना की। इसके साथ ही बाबा अमरनाथ यात्रा का शुभारंभ हो गया और देश के विभिन्न राज्यों से आए हजारों श्रद्धालुओं ने भी कतारों में खड़े होकर बाबा बर्फानी के दर्शन करना शुरू किए। इस मौके पर पवित्र गुफा के आसपास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
30 जून से शुरू हुई यह यात्रा 43 दिन चलकर रक्षाबंधन वाले दिन 11 अगस्त को संपन्न होगी। 43 दिनों तक चलने वाली अमरनाथ यात्रा गुरुवार को पहलगाम में पारंपरिक नुनवान आधार शिविर और छोटे मार्ग बालटाल शिविर से शुरू हुई। कोरोना महामारी के चलते दो साल तक यात्रा नहीं हो पाई थी। इस अवसर पर उपराज्यपाल सिन्हा ने कहा कि देशभर से तीर्थयात्री बाबा के दर्शन के लिए आ रहे हैं। उनका दृढ़ विश्वास है कि अमरनाथ गुफा में दर्शन करने के बाद हर तीर्थयात्री खुश होकर वापस लौटेगा और उम्मीद है कि सभी की प्रार्थना स्वीकार की जाएगी।
एलजी मनोज सिन्हा ने यह भी कहा कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर और पूरे देश के विकास, शांति और समृद्धि के लिए प्रार्थना की है। राज्यपाल ने बाबा अमरनाथ की पवित्र गुफा के दर्शन करते हुए राज्य में शांति और खुशहाली की कामना की। उन्होंने पवित्र गुफा, बालटाल और अन्य कैंपों में सुविधाओं बारे अधिकारियों से जानकारी भी हासिल की।
उप-राज्यपाल ने यात्रा को हर साल सफल बनाने के लिए स्थानीय लोगों के सहयोग की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस यात्रा में स्थानीय लोगों का सहयोग सही मायनों में कश्मीरियत का उदाहरण है और यह यात्रा प्रदेश के धार्मिक सद्भाव की परिचायक है। वहीं श्राइन बोर्ड के सीईओ ने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे अपनी मेडिकल जांच के बाद ही यात्रा के लिए आएं। इससे यात्रा में उन्हें कहीं भी परेशानी नहीं होगी। उन्होंने यात्रियों को अपने साथ गर्म कपड़े, जैकेट, स्लीपिंग बैग, विंड शिटर, रेन कोट लाने की भी सलाह दी।
इस बीच वीरवार तड़के चार बजे श्रद्धालुओं का दूसरा जत्था अमरनाथ यात्रा के लिए रवाना हुआ। कड़े सुरक्षा घेरे में 231 छोटे बड़े वाहनों में ये श्रद्धालु भगवान शिव की अराधना करते हुए पहलगाम व बालटाल के लिए रवाना हुए। पहलगाम व बालटाल के लिए दो टुकड़ियों में जत्थे को रवाना किया गया। पहले बालटाल के लिए जत्था रवाना किया गया और उसके करीब एक घंटे बाद पहलगाम रूट के लिए यात्री निवास से जत्था रवाना हुआ।
बालटाल मार्ग से यात्रा करने के इच्छुक कुल 1671 श्रद्धालुओं को 81 वाहनों में रवाना किया गया। इनमें 1204 पुरुष, 352 महिलाएं, बीस बच्चे, 82 साधु, सात साध्वी व छह मंगलामुखी रवाना हुए। वहीं पहलगाम मार्ग के लिए सवां पांच बजे जत्था रवाना किया गया। पहला वाहन 5.15 बजे रवाना हुआ और अंतिम वाहन 5.22 बजे यात्री निवास से निकला।
पहलगाम मार्ग से 4100 श्रद्धालु यात्रा पर रवाना हुए। इनमें 3178 पुरुष, 804 महिलाएं, 18 बच्चे, 96 साधु व चार साध्वी शामिल रहे। ये श्रद्धालु 92 बसों व 58 छोटे वाहनों में सवार होकर रवाना हुए।