अमरनाथ यात्रा: हेलीकाप्टर की आनलाइन बुकिंग शुरू होते ही 10 दिनों की टिकटें बिक गईं
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 3, 2019 07:09 AM2019-05-03T07:09:20+5:302019-05-03T07:09:20+5:30
अमरनाथ श्राइन बोर्ड की ओर से यात्रियों को आनलाइन पंजीकरण की सुविधा देने की तैयारी की जा रही है। इस सुविधा में भोले के भक्त घर बैठे ही आनलाइन पंजीकरण करा सकेंगे।
सुरेश डुग्गर
अमरनाथ यात्रा के लिए हेलीकाप्टर की आनलाइन बुकिंग शुरू होते ही 10 दिनांें की टिकटें बिक गईं हैं। दो बार सर्वर भी क्रैश हो गया। इसके अतिरिक्त अब श्राइन बोर्ड श्रद्धालुओं को आनलाइन पंजीकरण की सुविधा भी देने जा रहा है जिसे 2013 में बंद कर दिया गया था।
अमरनाथ श्राइन बोर्ड की ओर से यात्रियों को आनलाइन पंजीकरण की सुविधा देने की तैयारी की जा रही है। इस सुविधा में भोले के भक्त घर बैठे ही आनलाइन पंजीकरण करा सकेंगे। आनलाइन पंजीकरण के दौरान बोर्ड की वेबसाइट पर जरूरी जानकारी के साथ कंपलसरी हेल्थ सर्टिफिकेट अपलोड किया जाएगा। यात्रा के दौरान बालटाल/दोमेल और नुनवान/पहलगाम/चंदनबाड़ी बेस कैंप पर असली कंपलसरी हेल्थ सर्टिफिकेट की जांच की जाएगी। यात्रियों के रिस्पांस के बाद आनलाइन सेवा को बढ़ाया जाएगा।
वर्ष 2013 के बाद आनलाइन पंजीकरण सुविधा को विभिन्न कारणों से बंद किया गया था। बोर्ड की ओर से शुरुआत में पायलट स्तर पर आनलाइन पंजीकरण सुविधा को शुरू करने की योजना है। फिलहाल इसमें कोई संख्या निर्धारित नहीं की गई है। आनलाइन पंजीकरण के लिए बोर्ड की वेबसाइट पर सभी जरूरी जानकारी अपलोड की जाएगी।
इस साल एक जुलाई से अमरनाथ यात्रा शुरू हो रही है, जो 45 दिन की होगी। आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो वर्ष 2011 में 6.36 लाख आलटाइम रिकार्ड यात्रियों ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए थे। इसके अगले साल 2012 में भी यह आंकड़ा 6.20 लाख तक पहुंचा। वर्ष 2016 के बाद अमरनाथ यात्रियों का आंकड़ा तीन लाख के पार नहीं जा पाया है। इसका एक कारण पंजीकरण के लिए औपचारिकताएं बढ़ना भी है। वर्ष 2018 में 2.85 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा के दरबार में हाजिरी दी थी। सामान्य अग्रिम पंजीकरण में चालीस हजार से अधिक यात्रियों का पंजीकरण हो चुका है।
इस बीच अमरनाथ यात्रा के लिए बुधवार से हेलीकाप्टर सेवा की आनलाइन बुकिंग शुरू हो गई। पहले ही दिन श्रद्धालुओं में आनलाइन बुकिंग करवाने के लिए भारी उत्साह नजर आया। हेलीकाप्टर सेवाएं देने वाली कंपनियों की पहले दस दिनों की टिकटें कुछ घंटों में बिक गईं। आनलाइन बुकिंग सेवा सुबह दस बजे शुरू हुई।
15 जुलाई के बाद से हर दिन कुछ ही टिकटें उपलब्ध हैं। बोर्ड के अनुसार जिन श्रद्धालुओं के पास हेलीकाप्टर का टिकट होगा, उसे अग्रिम पंजीकरण की जरूरत नहीं होगी। यात्रा पहली जुलाई से शुरू हो रही है और 15 अगस्त को रक्षा बंधन के दिन संपन्न होगी। नीलग्रथ-पंजतरणी से प्रति सवारी एकतरफा हेलीकाप्टर किराया 1804 रुपये जबकि पहलगाम-पंजतरणी से 3104 रुपये निर्धारित किया गया है।
बोर्ड ने मैसर्स ग्लोबल वेक्ट्रा हेलीकॉप्टर लिमिटेड और मैसर्स हिमालयन हेली सर्विस प्राइवेट लिमिटेड की सेवाएं नीलग्रथ बालटाल-पंजतरणी मार्ग और मैसर्स यूटी एयर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की सेवाएं पहलगाम-पंजतरणी मार्ग के लिए प्राप्त की हैं। बालटाल रूट से किराया कम होने से श्रद्धालुओं में टिकट बुकिंग को लेकर अधिक उत्साह दिखाई दे रहा है। बोर्ड के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनूप सोनी का कहना है कि बोर्ड के पास टिकट बुकिंग को लेकर ब्योरा उपलब्ध नहीं है।