लॉकडाउनः राजस्थान में इलाज के लिए कैंसर मरीज को दी जाने की इजाजत, कहा- वापस लौटे तो दर्ज होगा मामला

By भाषा | Published: May 6, 2020 08:16 PM2020-05-06T20:16:13+5:302020-05-06T20:16:13+5:30

राजस्थान के जालौर जिले में एक कैंसर मरीज को लॉकडाउन के दौरान उपचार के लिये अहमदाबाद जाने का एकतरफा लॉकडाउन पास इस निर्देश के साथ जारी किया गया कि वह वापस नहीं लौटेगा और लौटा तो उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जायेगा।

Allowed cancer patient to go for treatment, said case will be registered if he returns | लॉकडाउनः राजस्थान में इलाज के लिए कैंसर मरीज को दी जाने की इजाजत, कहा- वापस लौटे तो दर्ज होगा मामला

वरिष्ठ अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद संशोधित पास जारी कर उसकी वैधता दो दिन करने के साथ ही उसमें वापस लौटने की अनुमति भी दी गई। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsआवेदन में यात्रा का कारण हाथ से लिखा गया था, ‘‘कैंसर के नियमित उपचार और जाँच के लिए जाना।’’ जालौर के प्रवासी राजस्थानी फ्रेंड्स फाउंडेशन के अध्यक्ष श्रवण सिंह राठौड़ ने बताया कि परिवार पहले से ही रोगी है और संबंधित कार्यालय ने मामले से निपटने में असंवेदनशीलता दिखाई।

जयपुर: राजस्थान के जालौर जिले में एक कैंसर मरीज को लॉकडाउन के दौरान उपचार के लिये अहमदाबाद जाने का एकतरफा लॉकडाउन पास इस निर्देश के साथ जारी किया गया कि वह वापस नहीं लौटेगा और लौटा तो उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जायेगा।

हालांकि, यह मामला संज्ञान में आने के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय ने हस्तक्षेप किया और उसके तुरंत बाद मरीज को इलाज के लिए जाने और लौटकर घर आने की अनुमति वाला पास जारी किया गया। 

जालौर के प्रवासी राजस्थानी फ्रेंड्स फाउंडेशन ने इस तरह का लॉकडाउन पास जारी करने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। भारतीय प्रशासनिक सेवा के प्रोबेशनरी अधिकारी अवधेश मीणा ने कैंसर के इस मरीज को सोमवार को एक तरफा यात्रा के लिए नौ घंटे का पास जारी किया, जिसकी वैधता पांच मई सुबह पांच बजे से दिन में दो बजे तक थी। लेकिन बाद में वरिष्ठ अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद संशोधित पास जारी कर उसकी वैधता दो दिन करने के साथ ही उसमें वापस लौटने की अनुमति भी दी गई। 

उपखंड अधिकारी ने प्रारूप के अनुसार लॉकडाउन पास जारी करते हुए पत्र के नीचे निर्देशित किया कि ‘‘स्वीकृति केवल जाने के लिये है और यात्री वापस नहीं आ सकता है। यदि आदेश की अवहेलना होती है तो भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत मामला दर्ज किया जाये।’’ आवेदन में यात्रा का कारण हाथ से लिखा गया था, ‘‘कैंसर के नियमित उपचार और जाँच के लिए जाना।’’ 

जयपुर में मुख्यमंत्री कार्यालय में मामले के पहुंचने पर जिला कलेक्टर को तुरंत संशोधित लॉकडाउन पास जारी करने के लिये निर्देशित किया गया, जिसके बाद आवश्यक सुधार किए गए थे और एक नोट जोड़ा गया था कि यात्रियों को वापस आने के बाद 28 दिन के लिए अपने ही घर में सभी से अलग रहना होगा। जालौर के प्रवासी राजस्थानी फ्रेंड्स फाउंडेशन के अध्यक्ष श्रवण सिंह राठौड़ ने बताया कि परिवार पहले से ही रोगी है और संबंधित कार्यालय ने मामले से निपटने में असंवेदनशीलता दिखाई।

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने मुख्यमंत्री कार्यालय को इस मुद्दे से अवगत कराया और वरिष्ठ अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद पास को संशोधित किया गया।’’ उन्होंने सरकार से अधिकारी के खिलाफ कार्रवाही की मांग की गयी है। राठौड़ ने कहा कि मरीज का उपचार अहमदाबाद के अस्पताल में चल रहा है और उसे कीमोथेरेपी के लिये जाना था। इस बारे में जब प्रोबेशनरी आईएएस और उपखंड अधिकारी मीणा से सम्पर्क किया तो उन्होंने कहा कि यह एक मानक प्रारूप था जिस पर एक तरफ की यात्रा के लिए अनुमति दी गई थी लेकिन बाद में अनुमति देते हुए संशोधित पास जारी किया गया। 

Web Title: Allowed cancer patient to go for treatment, said case will be registered if he returns

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