कथित सट्टेबाज संजीव चावला को भारत लाने का रास्ता साफ, ब्रिटिश हाईकोर्ट में प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील खारिज की, जानिए क्या है मामला

By भाषा | Published: January 16, 2020 08:52 PM2020-01-16T20:52:40+5:302020-01-16T20:52:40+5:30

चावला के वकीलों ने दलील दी कि उनके मुवक्किल को दिल्ली की तिहाड़ जेल में अन्याय और हिंसा का गंभीर जोखिम है जहां उसे मुकदमे से पहले रखा जाएगा। इस संबंध में उन्होंने ताजा कागजात पेश किए। उन्होंने पुलिस हिरासत में चावला के साथ हिंसा की आशंका भी जताई।

Alleged bookie Sanjeev Chawla will come to India, British High Court rejects appeal against extradition, know what is the matter | कथित सट्टेबाज संजीव चावला को भारत लाने का रास्ता साफ, ब्रिटिश हाईकोर्ट में प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील खारिज की, जानिए क्या है मामला

जेल की स्थिति पर भारत सरकार द्वारा दिया गया आश्वासन बरकरार है।

Highlightsन्यायाधीशों ने संक्षिप्त विमर्श के बाद भारतीय अधिकारियों के पक्ष में फैसला सुनाया।अपील के लिए मामले को फिर से खोलने के लिए कोई ठोस वजह सामने नहीं आई।

कथित सट्टेबाज संजीव चावला की गुरुवार को ब्रिटिश हाईकोर्ट में प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील खारिज हो गयी जिससे उन्हें मैच फिक्सिंग के आरोपों का सामना करने के लिए भारत प्रत्यर्पित किया जाएगा।

चावला वर्ष 2000 के क्रिकेट मैच फिक्सिंग आरोपों से जुड़े मामले में भारत में वांछित थे। वह भारत प्रत्यर्पित किए जाने के खिलाफ ब्रिटेन में कानूनी लड़ाई लड़ रहा था जिसमें उसने कहा कि उसे मानवीय आधार पर भारत नहीं भेजा जाना चाहिए।

ब्रिटेन की सरकार ने पिछले साल उसे भारत प्रत्यर्पित किए जाने के आदेश पर हस्ताक्षर किए थे जिसके खिलाफ उसने अपील करने की अनुमति मांगी थी। लंदन स्थित रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस के न्यायाधीश डेविड बीन और क्लाइव लेविस आज सुनवाई के दौरान इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि ‘‘वे इस तर्क से संतुष्ट हैं कि अपील की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।’’

भारत-ब्रिटेन प्रत्यर्पण संधि के तहत ब्रिटेन के गृह कार्यालय द्वारा चावला को 28 दिन के भीतर भारत को प्रत्यर्पित किए जाने संबंधी आदेश को औपचारिक रूप से प्रमाणित कर दिए जाने की उम्मीद है। चावला के वकील ने यह स्थापित करने की कोशिश की थी कि उनके मुवक्किल को ब्रिटेन के गृहमंत्री को हस्ताक्षर के लिए भेजे गए जिला न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ अपील करने का वैधानिक अधिकार है।

भारतीय अधिकारियों की ओर से चावला के इस तर्क को ब्रिटेन की राज अभियोजन सेवा (सीपीएस) ने इस आधार पर चुनौती दी कि यह समूचे मामले को फिर से खोलने का ‘‘छद्म प्रयास’’ है। न्यायाधीश बीन ने कहा, ‘‘तमाम विलंब के बाद कोई भी नहीं चाहता कि इस मामले में एक और दिन लगे।’’

चावला के वकीलों ने दलील दी कि उनके मुवक्किल को दिल्ली की तिहाड़ जेल में अन्याय और हिंसा का गंभीर जोखिम है जहां उसे मुकदमे से पहले रखा जाएगा। इस संबंध में उन्होंने ताजा कागजात पेश किए। उन्होंने पुलिस हिरासत में चावला के साथ हिंसा की आशंका भी जताई।

न्यायाधीशों ने संक्षिप्त विमर्श के बाद भारतीय अधिकारियों के पक्ष में फैसला सुनाया और कहा कि अपील के लिए मामले को फिर से खोलने के लिए कोई ठोस वजह सामने नहीं आई और जेल की स्थिति पर भारत सरकार द्वारा दिया गया आश्वासन बरकरार है।

ब्रिटेन के पूर्व गृहमंत्री साजिद जाविद ने पिछले साल फरवरी में प्रत्यर्पण के पक्ष में जिला न्यायाधीश के आदेश पर हस्ताक्षर किए थे और निर्णय के खिलाफ अपील के लिए समय दिया था। वर्ष 2000 के क्रिकेट मैच फिक्सिंग के इस मामले में चावला एक प्रमुख आरोपी है। इस मामले में दक्षिण अफ्रीका की टीम के पूर्व कैप्टन हैंसी क्रोनिये का भी नाम था जिनकी एक विमान हादसे में मौत हो गई थी। 

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