इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा-पति की हत्या की आरोपी महिला को उसकी नाबालिग बच्ची नहीं सौंपी जा सकती

By भाषा | Published: March 1, 2021 09:11 PM2021-03-01T21:11:49+5:302021-03-01T21:14:03+5:30

न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने महिला द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका खारिज करते हुए कहा कि यदि संबद्ध अदालत द्वारा महिला को निर्दोष करार दिया जाता है तब वह अपनी बेटी के संरक्षण के लिए अदालत का रुख कर सकती है जिस पर कानून के मुताबिक निर्णय किया जाएगा।

Allahabad High Court woman accused of killing husband cannot be handed over to her minor child | इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा-पति की हत्या की आरोपी महिला को उसकी नाबालिग बच्ची नहीं सौंपी जा सकती

बेटी को कमल कुशवाहा ने अपने संरक्षण में ले लिया, तब से उसकी बेटी कमल कुशवाहा के संरक्षण में है।

Highlightsआरोप है कि 11 मई, 2018 को उसका पति झांसी स्थित अपने पैतृक घर आया था, जबकि वह मुंबई में ही थी। 13 मई, 2018 को उसके पति के चाचा कमल कुशवाहा ने उसे फोन कर बताया कि कुछ अज्ञात लोगों ने उसके पति की हत्या कर दी। बेटी के साथ झांसी पहुंची तो उसे उसके पति की हत्या के मामले में झूठा फंसा दिया गया और गिरफ्तार कर लिया गया।

प्रयागराजः उच्च न्यायालय ने एक फैसले में कहा है कि पति की हत्या करवाने के आरोप का सामना कर रही महिला को देखभाल के लिए उसकी नाबालिग बेटी तब तक नहीं सौंपी जा सकती, जब तक कि वह महिला निर्दोष साबित न हो जाए।

न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने महिला द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका खारिज करते हुए कहा कि यदि संबद्ध अदालत द्वारा महिला को निर्दोष करार दिया जाता है तब वह अपनी बेटी के संरक्षण के लिए अदालत का रुख कर सकती है जिस पर कानून के मुताबिक निर्णय किया जाएगा।

याचिका दाखिल करने वाली महिला मुंबई में रहती है और उसका आरोप है कि 11 मई, 2018 को उसका पति झांसी स्थित अपने पैतृक घर आया था, जबकि वह मुंबई में ही थी। बाद में 13 मई, 2018 को उसके पति के चाचा कमल कुशवाहा ने उसे फोन कर बताया कि कुछ अज्ञात लोगों ने उसके पति की हत्या कर दी।

हालांकि, जब वह अपनी बेटी के साथ झांसी पहुंची तो उसे उसके पति की हत्या के मामले में झूठा फंसा दिया गया और गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि उसकी बेटी को कमल कुशवाहा ने अपने संरक्षण में ले लिया, तब से उसकी बेटी कमल कुशवाहा के संरक्षण में है। अदालत ने इस याचिका पर निर्णय करते समय इस मुद्दे पर विचार किया कि यदि महिला अपने पति की हत्या में शामिल पाई जाती है तो क्या नाबालिग बेटी को उसे सौंपना बच्ची के हित में होगा।

संबद्ध पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने कहा, अदालत यह मानकर चलती है कि महिला के दोषी साबित होने की संभावना बहुत दूर की हो सकती है या नहीं भी हो सकती है, लेकिन इस बात की भी संभावना है कि वह हत्या में शामिल हो और यदि ऐसा पाया गया तो बच्ची के जीवन पर इसका बहुत प्रतिकूल असर होगा। अदालत ने यह निर्णय 26 फरवरी को दिया जो सोमवार को प्रकाश में आया।

Web Title: Allahabad High Court woman accused of killing husband cannot be handed over to her minor child

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