इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा- भगवान राम और कृष्ण के सम्मान के लिए संसद कानून लेकर आए
By विनीत कुमार | Published: October 10, 2021 10:21 AM2021-10-10T10:21:40+5:302021-10-10T10:26:44+5:30
इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस शेखर कुमार यादव ने एक मामले की सुनवाई के दौरान भगवान राम और कृष्ण के सम्मान के लिए कानून बनाने को कहा। हाल में उन्होंने गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने को भी कहा था।
प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि संसद को भगवान राम, भगवान कृष्ण, रामायण और इसके रचयिता वाल्मीकि सहित गीता और महर्षि वेदव्यास को 'राष्ट्रीय सम्मान' देने के लिए जरूर कानून लाना चाहिए। कोर्ट ने कहा ये सभी देश की संस्कृति और विरासत हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार कोर्ट ने साथ ही कहा कि संविधान किसी को नास्तिक होने की इजाजत देता है लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि कोई किसी देवता या देवी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करे। जस्टिस शेखर कुमार यादव ने एक मामले में जमानत याचिका को मंजूरी देते हुए ये टिप्पणियां की।
दरअसल जस्टिस यादव हाथरस के आकाश जाटव की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। आकाश पर हिंदू देवी-देवताओं के आपत्तिजनक तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर करने के आरोप हैं। उसे 4 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था।
पिछले महीने जस्टिस यादव तब सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने कहा था कि सरकार को गायों को मौलिक अधिकार देने और उसे राष्ट्रीय पशु घोषित करने के लिए संसद में एक विधेयक लाना चाहिए।
गोहत्या के आरोपी एक व्यक्ति को जमानत देने से इनकार करते हुए जस्टिस यादव ने अपने 12 पन्नों के आदेश में यह भी कहा था कि 'वैज्ञानिकों का मानना है कि गाय एकमात्र जानवर है जो ऑक्सीजन लेती है और छोड़ती है।'
'भारतीय संस्कृति के बारे में बच्चों को पढ़ाना जरूरी'
अदालत ने शुक्रवार को आकाश के लिए जमानत को मंजूर करते हुए आदेश में यह भी कहा कि देश के सभी स्कूलों में इसे अनिवार्य विषय बनाकर इस मुद्दे पर बच्चों को शिक्षित करने और भारतीय संस्कृति के बारे में बताने की जरूरत है।
कोर्ट ने ये कहते हुए जमानत दी कि आरोपी पिछले 10 महीने से जेल में है और ट्रायल अभी शुरू होना बाकी है। ऐसे में इस मामले में बहुत जल्द कोई फैसला आने की संभावना नहीं है। याचिकाकर्ता पर लगे आरोपों पर कोर्ट ने कहा कि दुनिया में ऐसे कई देश हैं जहां इस तरह के काम के लिए कड़ी सजा का प्रावधान है, लेकिन भारत में कई देशों की तुलना में कम सजा का प्रावधान है।
साथ ही कोर्ट ने कहा कि किसी को भी देश के देवी-देवताओं और संस्कृति का सम्मान करना चाहिए। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, 'हाल में सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि केस में उन लोगों के पक्ष में फैसला दिया जो भगवान राम में विश्वास करते हैं। भगवान राम जो भारत की आत्मा और संस्कृति हैं और भारत भगवान राम के बगैर अधूरा है।'