Allahabad High Court: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक निर्णय में कहा है कि पोकर (ताश के पत्ते का खेल) और रमी जुए के नहीं बल्कि कौशल के खेल हैं, इसलिए संबंधित अधिकारी पोकर और रमी खिलाने वाली ‘गेमिंग यूनिट’ चलाने की अनुमति संबंधी अपने आदेश पर पुनर्विचार करें। उक्त निर्देश के साथ न्यायमूर्ति शेखर बी. सराफ और न्यायमूर्ति मंजीव शुक्ला की पीठ ने मेसर्स डीएम गेमिंग प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दायर याचिका निस्तारित कर दी। पीठ ने कहा, ‘‘विभिन्न पहलुओं पर विचार करने के बाद हमारा विचार है कि संबंधित अधिकारी को उच्चतम न्यायालय और विभिन्न उच्च न्यायालयों के इस मुद्दे पर निर्णयों पर गौर करने के बाद इस पहलू को देखना चाहिए।’’ याचिकाकर्ता ने आगरा के पुलिस उपायुक्त द्वारा 24 जनवरी, 2024 को पारित आदेश को चुनौती देते हुए यह याचिका दायर की।
पुलिस उपायुक्त कार्यालय ने पोकर और रमी खिलाने वाली गेमिंग यूनिट का लाइसेंस देने से इनकार कर दिया था। सुनवाई के दौरान, याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि जुआ-सट्टा से शांति और सौहार्द भंग होने की संभावना जताते हुए अनुमान के आधार पर अनुमति देने से इनकार किया गया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने कहा, ‘‘इस तथ्य के आलोक में कि जुआ प्रतिबंधित है, ‘कार्ड गेम’ के पहलू को ध्यान में रखे बगैर अनुमति देने से इनकार किया गया, जबकि पोकर और रमी निश्चित तौर पर कौशल का खेल हैं।’’
हालांकि, अदालत ने 29 अगस्त को दिए अपने आदेश में यह स्पष्ट किया कि ये खेल खिलाने की अनुमति संबंधित अधिकारी को जुआ के पहलू की जांच करने से नहीं रोकेगी और यदि उस जगह जुए का खेल खिलाया जाता है तो अधिकारियों द्वारा कानून के तहत आवश्यक कार्रवाई की जा सकती है।