उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लगाई रोक, 12 जुलाई को अगली सुनवाई

By स्वाति सिंह | Published: June 3, 2020 12:51 PM2020-06-03T12:51:08+5:302020-06-03T13:02:02+5:30

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि विवादित प्रश्नों पर आपत्तियों को अभ्यर्थी एक सप्ताह के अंदर राज्य सरकार के सामने प्रस्तुत करें। सरकार आपत्तियों को निस्तारण के लिए यूजीसी को भेजे।

Allahabad High Court bans recruitment of teachers in Uttar Pradesh, next hearing on July 12 | उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लगाई रोक, 12 जुलाई को अगली सुनवाई

उत्तर प्रदेश में डेढ़ साल से इंतजार कर रहे उन अभ्यर्थियों का सपना पूरा होने जा रहा था, जब उन्हें अध्यापक पद पर नौकरी मिल जाएगी।

Highlightsकोर्ट ने UP में 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पर अंतरिम रोक लगा दी। मामले में अगली सुनवाई 12 जुलाई को होगी।

लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने बुधवार को प्रदेश में 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पर अंतरिम रोक लगा दी। यह फैसला न्यायमूर्ति आलोक माथुर की पीठ ने कई याचियों की याचिका पर एक साथ सुनवाई करके पारित किया। मामले में अदालत ने एक जून को अपना फैसला सुरक्षित रखा था। मामले में अगली सुनवाई 12 जुलाई को होगी।

याचियों ने घोषित परीक्षा परिणाम में कुछ प्रश्नों की सत्यता पर सवाल उठाया था। अदालत ने याचियों को विवादित प्रश्नों पर आपत्तियों को एक सप्ताह के भीतर राज्य सरकार के समक्ष प्रस्तुत करने को कहा है। 

सरकार इन आपत्तियों को विश्व विद्यालय अनुदान आयोग को प्रेषित करेगी और अयोग इन आपत्तियों का निस्तारण करेगा। राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह एवं अपर मुख्य स्थाई अधिवक्ता रणविजय सिंह ने पक्ष रखा था जबकि विभिन्न याचियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एल पी मिश्र, एच जी एस परिहार, सुदीप सेठ आदि ने पक्ष रखा। 

हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि विवादित प्रश्नों पर आपत्तियों को अभ्यर्थी एक सप्ताह के अंदर राज्य सरकार के सामने प्रस्तुत करें। सरकार आपत्तियों को निस्तारण के लिए यूजीसी को भेजे। इसके अलावा हाई कोर्ट ने कहा है कि यूजीसी के चेयरमैन को पत्र लिखकर सारे विवादित प्रश्नों पर एक्सपर्ट ओपिनियन लिया जाएगा। 

गौरतलब है कि इस मामले में याचिका कर्ताओं ने 8 मई 2020 को जारी आंसर की में 4 उत्तरों को लेकर आपत्ति जताई है। याचियों का कहना है कि आपत्ति के संबंध में सक्षम अधिकारियों द्वारा कोई एक्शन न करने पर उन्होंने कोर्ट में याचिका दाखिल की है।

बता दें कि उत्तर प्रदेश में डेढ़ साल से इंतजार कर रहे उन अभ्यर्थियों का सपना पूरा होने जा रहा था, जब उन्हें अध्यापक पद पर नौकरी मिल जाएगी। 6 जून तक प्रदेश के स्कूलों को 67,867 नए शिक्षक मिलने थे। भर्ती परीक्षा का आयोजन 6 जनवरी 2019 को हुआ था।

Web Title: Allahabad High Court bans recruitment of teachers in Uttar Pradesh, next hearing on July 12

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