मायावती सरकार में हुए स्मारक घोटाले पर हाई कोर्ट सख्त, कहा- एक भी आरोपी बच ना पाए

By भाषा | Published: September 21, 2018 05:45 AM2018-09-21T05:45:00+5:302018-09-21T05:45:00+5:30

मायावती सरकार ने नोएडा और लखनऊ में 2600 करोड़ रुपये के खर्च से स्मारकों, पार्कों का निर्माण कराया था और प्रतिमाएं स्थापित कराई थीं।

Allahabad high court asks up govt of status report of memorial scam | मायावती सरकार में हुए स्मारक घोटाले पर हाई कोर्ट सख्त, कहा- एक भी आरोपी बच ना पाए

मायावती सरकार में हुए स्मारक घोटाले पर हाई कोर्ट सख्त, कहा- एक भी आरोपी बच ना पाए

इलाहाबाद, 21 सितंबर:  इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि वह इस अदालत को मायावती सरकार के 2007 से 2012 के कार्यकाल में हुए स्मारक घोटाले के संबंध में चल रही विजिलेंस जांच की स्थिति से अवगत कराए।

तत्कालीन मायावती सरकार ने नोएडा और लखनऊ में 2600 करोड़ रुपये के खर्च से स्मारकों, पार्कों का निर्माण कराया था और प्रतिमाएं स्थापित कराई थीं। शशिकांत उर्फ भावेश पांडेय द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश डी.बी. भोसले और न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने इस मामले की अगली सुनवाई 27 सितंबर, 2018 को करना तय किया।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2014 में मायावती, उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी, बाबू लाल कुशवाहा और मायावती के कार्यकाल के करीब 12 विधायकों सहित कई लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी।

इसके अलावा, इस मामले में 100 से अधिक इंजीनियरों और अन्य अधिकारियों को आरोपी बनाया गया है। इस एफआईआर में आरोपी बनाए गए ये इंजीनियर और अधिकारी निर्माण निगम, लोक निर्माण विभाग और नवीन ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण (नोएडा) से जुड़े थे।

Web Title: Allahabad high court asks up govt of status report of memorial scam

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