ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन ने असम में राजनीतिक दल के गठन के संकेत दिए

By भाषा | Published: December 16, 2019 01:42 AM2019-12-16T01:42:15+5:302019-12-16T01:42:15+5:30

आसू अध्यक्ष दीपांका नाथ ने यहां ‘शांति एवं सौहार्द कार्यक्रम’ नाम की विरोध बैठक को संबोधित करते हुए लोकप्रिय कलाकार जुबिन गर्ग के राजनीतिक दल बनाने के प्रस्ताव का समर्थन किया।

All Assam Students Union hinted at formation of political party in Assam | ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन ने असम में राजनीतिक दल के गठन के संकेत दिए

ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन ने असम में राजनीतिक दल के गठन के संकेत दिए (Photo Credit: The Hindu)

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रही ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) ने ‘शिल्पी समाज’ (कलाकारों के मंच) के साथ मिलकर राजनीतिक दल के गठन के रविवार को संकेत दिए। छात्र संगठन ने सत्तारूढ़ भाजपा और असम गण परिषद के साथ ही विपक्षी कांग्रेस के विकल्प के तौर पर इस दल के गठन के संकेत दिए हैं।

आसू अध्यक्ष दीपांका नाथ ने यहां ‘शांति एवं सौहार्द कार्यक्रम’ नाम की विरोध बैठक को संबोधित करते हुए लोकप्रिय कलाकार जुबिन गर्ग के राजनीतिक दल बनाने के प्रस्ताव का समर्थन किया। नाथ ने कहा, “हम शिल्पी समाज से बात कर रहे हैं और असम के लोगों से भी अन्य विकल्प पर विचार करने के लिये चर्चा कर रहे हैं। आपकी (लोगों की) अनुमति से, हम उस दिशा में आगे बढ़ने (राजनीतिक दल बनाने) में बिलकुल भी नहीं हिचकिचाएंगे।

उन्होंने कहा, “आसू अराजनीतिक रहेगा। लेकिन, लोगों के हित में, शिल्पी समाज के साथ मिलकर हम उस दिशा में जाने के लिए तैयार हैं।” कार्यक्रम में शामिल हजारों लोगों ने इस पर हर्ष जताया। नाथ ने आरोप लगाया कि केंद्र ने स्थानीय लोगों की संस्कृति, भाषा और विरासत को “खत्म” करने के लिये यह संशोधित नागरिकता कानून लागू किया है।

उन्होंने कहा, “कानून के खिलाफ हमारा विरोध लंबा है। हम में से हर किसी को शांतिपूर्ण तरीके से अपनी लड़ाई आगे बढ़ानी है।” राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए आसू अध्यक्ष ने कहा, “ उन्होंने लोगों का दमन करने के लिए अपने तंत्र को खुली छूट दे दी है जिसमें पांच नाबालिग छात्रों की मौत हो गई और कई अन्य को गोलियों से घायल कर दिया गया। यह साफ है कि सर्वानंद सोनोवाल सरकार गिर जाएगी।”

नाथ ने कहा, “हत्याओं और ताकत के दम पर कोई सरकार हमारे संघर्ष को दबा नहीं सकती। हम अहिंसक तरीके से अपने लोकतांत्रिक आंदोलन को तेज करेंगे।” आसू अध्यक्ष ने असम गण परिषद् पर राज्य के लोगों के साथ “धोखा” करने का आरोप लगाया और कहा कि कांग्रेस भी “उतनी ही बुरी” है।

आसू के महासचिव लुरिन ज्योति गोगोई ने कहा कि सर्बानंद सोनोवाल ने ‘जय आई असम’ (जय मां असम) कहने का नैतिक अधिकार खो दिया है। असम जातीयतावादी युवा छात्र परिषद् के महासचिव पलाश चांगमाई ने कहा कि प्रदेश सरकार अगर असम के लोगों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है तो उसे प्रदेश में इनर लाइन परमिट लागू करना चाहिए।

Web Title: All Assam Students Union hinted at formation of political party in Assam

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