हिंदू महासभा ने राजीव धवन के खिलाफ बार काउंसिल में दर्ज कराई शिकायत, सुनवाई के दौरान फाड़ा था 'राम मंदिर' का नक्शा
By विनीत कुमार | Published: October 17, 2019 01:24 PM2019-10-17T13:24:46+5:302019-10-17T13:28:59+5:30
यह शिकायत राजीव धवन के बुधवार को अयोध्या मामले की सुनवाई के दौरान एक किताब में जिक्र किये गये राम मंदिर के नक्शे वाले पेपर को कोर्ट में फाड़ने को लेकर है।
अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने वरिष्ठ वकील राजीव धवन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील राजीव धवन के खिलाफ यह शिकायत हिंदू महासभा ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया के सामने शिकायत दर्ज कराई है।
यह शिकायत राजीव धवन के बुधवार को अयोध्या मामले की आखिरी सुनवाई के दौरान एक किताब में जिक्र किये राम मंदिर के नक्शे वाले पेपर को कोर्ट में फाड़ने को लेकर है। राजीव धवन ने अयोध्या मामले की सुनवाई के आखिरी दिन यह नक्शा फाड़ा था जिसे लेकर खूब विवाद हुआ। सुप्रीम कोर्ट में यह अजीबोगरीब स्थिति उस समय पैदा हुई जब हिन्दू पक्षकार की ओर से यह नक्शा उनके वकील ने मामले की सुनवाई कर रही संविधान पीठ को दिखाया था।
Akhil Bharat Hindu Mahasabha's files a complaint with Bar Council of India against senior advocate Rajeev Dhavan. Rajeev Dhavan appearing for one of the Muslim parties in #Ayodhya case tore down papers,maps handed over to him by counsel of Akhil Bharat Hindu Mahasabha yesterday.
— ANI (@ANI) October 17, 2019
दरअसल, अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के एक गुट की ओर से वरिष्ठ वकील विकास सिंह द्वारा ध्वस्त किये गये ढांचे के मध्य गुंबद को ही राम लला का जन्मस्थान होने के दावे के समर्थन में विदेशी और भारतीय लेखकों द्वारा लिखी पुस्तकों और मौके के नक्शे को आधार बनाये जाने पर राजीव धवन ने आपत्ति की थी।
धवन ने कहा कि अब इस तरह के दस्तावेज को आधार नहीं बनाया जा सकता क्योंकि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दूसरे दस्तावेजों में ‘जन्मस्थान’ की स्थिति के मुद्दे पर विचार किया था। धवन ने जब सचित्र नक्शे को आधार बनाये जाने का पुरजोर विरोध किया तो सिंह ने कहा कि वह इस नक्शे को रिकॉर्ड पर लेने के लिये दबाव नहीं डालेंगे। यह नक्शा बिहार काडर के आईपीएस अधिकारी किशोर कुणाल की पुस्तक ‘अयोध्या रिविजिटेड’ का भी हिस्सा है।
इस पर धवन ने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ से पूछा कि उन्हें अब इसका (नक्शे) क्या करना चाहिए। पीठ ने कहा कि वह इस दस्तावेज के टुकड़े कर सकते हैं। इस पर राजीव धवन ने खचाखच भरे कोर्ट में अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के अधिवक्ता द्वारा उपलब्ध कराया गया सचित्र नक्शा फाड़ कर सभी को चौंका दिया। यह नाटक यहीं नहीं खत्म हुआ और लंच के बाद सुनवाई के दौरान धवन ने एक बार फिर उनके द्वारा दस्तावेज फाड़े जाने की घटना का जिक्र किया और कहा कि 'कोर्ट के बाहर यह वायरल हो गया है।'
धवन ने कहा, 'यह खबर वायरल हो गयी है कि मैंने अपने आप ही ये दस्तावेज फाड़ दिये।' धवन ने कहा कि उन्होंने पीठ से अनुमति मांगी थी कि क्या इन कागजात को फेंका जा सकता है और चीफ जस्टिस का जवाब था, 'यदि यह अप्रासंगिक है, आप इसे फाड़ सकते हैं।' उन्होंने कहा, 'प्रधान न्यायाधीश ने कहा मैं इन कागजों को फाड़ सकता हूं और मैंने सिर्फ उनके आदेश का पालन किया। मैं ऐसे मामलों में (वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद) दातार की सलाह लेता हूं और उन्होंने मुझसे कहा कि यह निर्देश है।'
सीजेआई ने तपाक से कहा, 'हां धवन सही है कि चीफ जस्टिस ने कहा, अत: उन्होंने इसे फाड़ दिया। यह स्पष्टीकरण भी व्यापक रूप से रिपोर्ट होने दीजिये।'
(भाषा इनपुट के साथ)