अकाली दल का किसान मार्चः सरकार काला कानून वापस लो, हरसिमरत कौर बोलीं- तब कोई चारा नहीं रह जाएगा...
By सतीश कुमार सिंह | Published: October 1, 2020 01:22 PM2020-10-01T13:22:02+5:302020-10-01T15:01:48+5:30
पूर्व केंद्रीय मंत्री और शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने आज बठिंडा के तलवंडी साबो में तख्त श्री दमदमा साहिब का दौरा किया। वह कृषि कानूनों के खिलाफ तलवंडी साबो से पार्टी के किसान मार्च का नेतृत्व कर रही हैं। मार्च का समापन राजभवन में होगा।
चंडीगढ़ः किसान बिल को लेकर पंजाब सहित देश भर में किसानों ने हल्ला बोल दिया है। पंजाब में एनडीए के पूर्व सहयोगी शिरोमणि अकाली दल ने मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने आज बठिंडा के तलवंडी साबो में तख्त श्री दमदमा साहिब का दौरा किया। वह कृषि कानूनों के खिलाफ तलवंडी साबो से पार्टी के किसान मार्च का नेतृत्व कर रही हैं। मार्च का समापन राजभवन में होगा।
हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि चंडीगढ़ में हम गवर्नर साहब को अपना रोष पत्र देंगे ताकि वो राष्ट्रपति को इस काले कानून को वापिस लेने के लिए कहें। लोकसभा और राज्यसभा का नया सत्र बुलाया जाए। जहां किसानों की शंकाओं को दूर कर, विरोधियों की सहमति से एक ऐसा बिल बने जिसमें MSP शामिल हो।
ये शुरुआत है केंद्र सरकार को संदेश देने के लिए कि आज चंडीगढ़ तो कल दिल्ली होगी। आपके पास अभी भी मौका है कि इस काले कानून को बदल कर इसमें सुधार कर लें। जब देश भर की जनता दिल्ली में इकट्ठी होगी तब आपके पास कोई चारा नहीं रह जाएगा। कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर को सौंपा।
शिअद अध्यक्ष सुखबीर बादल ने अमृतसर स्थित श्री हरमंदिर साहिब में मत्था टेककर किसान मार्च का आगाज किया। उनके नेतृत्व में किसान मार्च आगे बढ़ रहा है। दूसरा मार्च, पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर के नेतृत्व में तख्त श्री दमदमा साहिब से शुरू हुआ। तीसरे कूच का नेतृत्व प्रोफेसर प्रेम सिंह चंदूमाजरा तख्त श्रीअनंतपुर साहिब से कर रहे हैं, जो दोपहर एक बजे रोपड़ में शिअद प्रधान के किसान मोर्चे से मिलेगा। इसके बाद तीनों मार्च चंडीगढ़ पहुंचा
Shiromani Akali Dal is beginning a long struggle today to make the government roll back the black laws. The party left behind everything - alliance, post, government, relations - to become the voice of farmers, who have lost everything due to these Laws: Harsimrat Kaur Badal https://t.co/7jvfD1UhdVpic.twitter.com/7OYd1IjJXr
— ANI (@ANI) October 1, 2020
कृषि कानून के खिलाफ तीन धार्मिक तख्तों से बृहस्पतिवार को जुलूस निकाला
शिरोमणि अकाली दल ने पंजाब से लेकर चंड़ीगढ़ तक कृषि कानून के खिलाफ तीन धार्मिक तख्तों से बृहस्पतिवार को जुलूस निकाला। शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने अमृतसर में अकाल तख्त से जुलूस का नेतृत्व किया। वहीं उनकी पत्नी एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने बठिंडा के तलवंडी साबो में तख्त दमदमा साहिब से दूसरे जुलूस का नेतृत्व किया।
वहीं तीसरा जुलूस पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रेम सिंह चंदूमाजरा और दलजीत सिंह चीमा के नेतृत्व में आनंदपुर साहिब के तख्त केशगढ़ साहिब से निकाला गया। यह तीनों जुलूस दिन में चंडीगढ़ पहुंचेंगे, जहां शिअद नेृतृत्व पंजाब के राज्यपाल वी. पी. सिंह बदनौर को कृषि कानून के खिलाफ एक ज्ञापन सौंपेगे।
सुखबीर सिंह बादल ने अमृतसर में पत्रकारों से कहा कि उनकी पार्टी चाहती है कि इस कृषि कानून को वापस लिया जाए और किसान समुदाय इस ‘‘काले कानून’’ के खिलाफ है। अकाली दल के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) छोड़ने के कुछ दिनों बाद ही कानून के विरोध में शिअद ने ‘किसान मार्च’ का आयोजन किया है।
इससे पहले 17 सितम्बर को हरसिमरत कौर ने संसद में कृषि विधेयकों का लोकसभा में विरोध करते हुए केन्द्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने रविवार को कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 को मंजूरी दे दी थी।