पनामा पेपर लीक मामले में ईडी ने ऐश्वर्या राय को दिल्ली में पेश होने के लिए समन भेजा, विदेशों में धन छिपाने का है आरोप
By विशाल कुमार | Published: December 20, 2021 12:34 PM2021-12-20T12:34:16+5:302021-12-20T12:34:16+5:30
जाने माने अभिनेता अमिताभ बच्चन की 48 वर्षीय बहू ऐश्वर्या बच्चन को दिल्ली में एजेंसी के समक्ष पेश होने को कहा गया है। पनामा पेपर्स लीक का यह वैश्विक मामला सामने आने के बाद ईडी 2016 से इस संबंध में जांच कर रहा है।
नई दिल्ली:प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 2016 के 'पनामा पेपर्स' लीक मामले में पूछताछ के लिए अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन को समन भेजा है। जांच एजेंसी अभिनेत्री से विदेश में संपत्ति जमा करने के आरोपों को लेकर पूछताछ करना चाहती है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
जाने माने अभिनेता अमिताभ बच्चन की 48 वर्षीय बहू ऐश्वर्या बच्चन को दिल्ली में एजेंसी के समक्ष पेश होने को कहा गया है। पनामा पेपर्स लीक का यह वैश्विक मामला सामने आने के बाद ईडी 2016 से इस संबंध में जांच कर रहा है।
उसने बच्चन परिवार को नोटिस जारी कर उन्हें आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) की उदारीकृत प्रेषण योजना (एलआरएस) के तहत 2004 से विदेश में भेजे गए अपने पैसों की जानकारी देने को कहा था। ऐश्वर्या राय को पहले भी पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन उन्होंने दो बार और समय मांगा था।
क्या है पनामा पेपर्स लीक मामला?
पनामा पेपर्स मामला 2016 में मीडिया में चोरी और लीक हुए लाखों दस्तावेज़ों की एक विस्तृत जांच का हिस्सा है, जिसमें आरोप हैं कि दुनिया के अमीर और शक्तिशाली ने करों से बचने के लिए ऑफशोर खाते खोले या फर्जी कंपनियां बनाईं।
इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स द्वारा राजनेताओं, उद्योगपतियों और मशहूर हस्तियों के लीक हुए वित्तीय रिकॉर्ड की जांच की गई और उन्हें प्रकाशित किया गया। पनामा पेपर्स में 300 से ज्यादा भारतीयों के शामिल होने की बात कही गई थी।
जांच में अब तक 20,078 करोड़ रूपए की अघोषित संपत्ति का पता चला
बीते जुलाई में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को जानकारी दी थी कि एक जून 2021 तक, पनामा पेपर लीक मामले में भारत से संबंधित व्यक्तियों के संबंध में कुल 20,078 करोड़ रूपए की अघोषित संपत्ति का पता चला है।
वित्त मंत्री ने कहा था कि पनामा पेपर लीक के 46 मामलों में आपराधिक अभियोजन शिकायतें दर्ज की गयी हैं जिनमें 20 मामले आयकर कानून, 1961 के अधीन हैं। वहीं 26 मामले काला धन (अप्रकटित विदेशी आय और आस्ति) एवं कर अधिरोपण कानून, 2015 के अधीन हैं।