पूर्व एयर मार्शल ने राफेल को बताया भारत के लिए फायदे का सौदा, कहा- पुनर्विचार याचिकाएं खारिज कर SC ने सही किया
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 14, 2019 06:35 PM2019-11-14T18:35:17+5:302019-11-14T18:58:07+5:30
उन्होंने कहा, ''मुझे लगता है कि पुनर्विचार याचिओं को खारिज करने में सुप्रीम कोर्ट बिल्कुल सही है क्योंकि यह दिसंबर 2018 के फैसले में पहले ही स्थापित हो चुका था कि राफेल की खरीद लागत भारत के लिए फायदेमंद थी।''
सुप्रीम कोर्टराफेल सौदा मामले को लेकर पुनर्विचार याचिका खारिज होने को लेकर भारतीय वायु सेना के सेवानिवृत्त एयर मार्शल आर नांबियार ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, ''राफेल के क्षमता को लेकर कोई संदेह नहीं था। एकमात्र मुद्दा राफेल की खरीद पर अंतर-सरकारी समझौते के आयामों के साथ था।''
उन्होंने आगे कहा, ''मुझे लगता है कि पुनर्विचार याचिओं को खारिज करने में सुप्रीम कोर्ट बिल्कुल सही है क्योंकि यह दिसंबर 2018 के फैसले में पहले ही स्थापित हो चुका था कि राफेल की खरीद लागत भारत के लिए फायदेमंद थी।''
सुप्रीम कोर्ट राफेल सौदा मामले को लेकर पुनर्विचार याचिका खारिज होने को लेकर भारतीय वायु सेना के सेवानिवृत्त एयर मार्शल आर नांबियार ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, ''राफेल के क्षमता को लेकर कोई संदेह नहीं था। एकमात्र मुद्दा राफेल की खरीद पर अंतर-सरकारी समझौते के आयामों के साथ था।''
उन्होंने आगे कहा, ''मुझे लगता है कि पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज करने में सुप्रीम कोर्ट बिल्कुल सही है क्योंकि यह दिसंबर 2018 के फैसले में पहले ही स्थापित हो चुका था कि राफेल की खरीद लागत भारत के लिए फायदेमंद थी।''
Air Marshal (Retd) R Nambiar: I feel that Supreme Court is absolutely right in dismissing the review pleas as it has already been established in the December 2018 judgement that the purchase cost (of Rafale) was beneficial for India. https://t.co/m3rPsMNqHS
— ANI (@ANI) 14 नवंबर 2019
बता दें कि भारत सरकार ने फ्रांस के दासॉ एविएशन से राफेल विमान का सौदा किया है। इस मामले पर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस लगातार प्रधान मंत्री नरेंद्र को घेर रही थी। शीर्ष अदालत में पिछली साल दिसंबर में ही इस मामले में भारत सरकार को क्लीन चिट दे दी थी लेकिन पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरूण शौरी और प्रशांत भूषण ने सौदे को लेकर पुनर्विचार याचिकाएं दायर की थीं और सर्वोच्च न्यायालय से 14 दिसंबर 2018 के फैसले पर फिर से विचार करे।
गुरुवार को प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसफ पीठ ने सभी पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि इन याचिकाओं में कोई दम नहीं है।
वहीं, पुर्नविचार याचिकाएं खारिज होने के बाद के भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस और वायनाड सांसद राहुल गांधी को आड़े हाथों लिया। ज्यादातर बीजेपी नेताओं ने कहा कि राहुल गांधी देश से माफी मांगें।
वहीं, कांग्रेस ने बीजेपी द्वारा घेरे जाने पर पलटवार किया है। कांग्रेस पार्टी की ओर से प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और जयवीर शेरगिल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पैरा संख्या 86 में जो लिखा है, उसे देखते हुए सरकार को जांच का आदेश देना चाहिए।