एयर इंडिया का पायलट कोरोना संक्रमित, आधे रास्ते से लौटी दिल्ली-मॉस्को फ्लाइट
By स्वाति सिंह | Published: May 30, 2020 02:46 PM2020-05-30T14:46:21+5:302020-05-30T16:27:00+5:30
कोरोना वायरस के चलते मास्को जा रहा एयर इंडिया का विमान शनिवार को वापस दिल्ली आ गया है। दरअसल, फ्लाइट के उड़ान भरने के बाद पता चला की पायलट कोरोना पॉजिटिव है।
नई दिल्ली: दिल्ली से मास्को जा रहे एअर इंडिया के एक विमान को शनिवार को आधी दूरी से लौटना पड़ा जब विमानन कंपनी की ग्राउंड टीम को पता चला कि विमान का एक पायलट कोरोना वायरस से संक्रमित है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। एअर इंडिया के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया, “ए 320 विमान में कोई यात्री मौजूद नहीं था।
वंदे भारत अभियान के तहत फंसे हुए भारतीयों को वापस लाने के लिए विमान मास्को जा रहा था। जैसे ही विमान उज्बेकिस्तान की वायु सीमा में पहुंचा, हमारी ग्राउंड टीम को पता चला कि एक पायलट में कोविड-19 की पुष्टि हुई है।”
अधिकारियों ने कहा, “विमान को तत्काल वापस बुला लिया गया। वह शनिवार को अपराह्न साढ़े बारह बजे के आसपास दिल्ली पहुंचा।” चालक दल के सदस्यों को पृथक-वास में रखा गया है। अधिकारियों के अनुसार मास्को में फंसे हुए भारतीयों को वापस लाने के लिए दूसरा विमान भेजा जाएगा।
Air India flight (AI-1945) going to Moscow from Delhi under #VandeBharatMission returns mid-way due to health issues of a crew member. More details awaited.
— ANI (@ANI) May 30, 2020
भारत विदेशों से और अधिक भारतीयों को वापस लाने के लिए वंदे भारत मिशन का विस्तार करेगा। विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि लॉकडाउन की वजह से विदेशों में फंसे 45,000 से अधिक भारतीयों को अब तक वंदे भारत मिशन के तहत स्वदेश लाया जा चुका है और 13 जून तक और 1,00,000 लोगों को लाया जाएगा। विदेशों में फंसे भारतीयों को लाने के लिए यह अभियान सात मई को शुरू हुआ था।
भारत विदेशों से और अधिक भारतीयों को वापस लाने के लिए वंदे भारत मिशन का विस्तार करेगा
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि सरकार लातिन अमेरिका के सुदूरवर्ती क्षेत्रों, कैरेबियाई क्षेत्रों, अफ्रीका और यूरोप के कई हिस्सों में फंसे भारतीयों को भी निकालने में मदद कर रही है। उन्होंने एक ऑनलाइन मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि बृहस्पतिवार दोपहर तक 45,216 भारतीयों को वापस लाया जा चुका है। इनमें 8,069 प्रवासी कर्मचारी, 7,656 छात्र और 5,107 पेशेवर शामिल हैं। उन्होंने बताया कि लगभग 5,000 भारतीयों को नेपाल और बांग्लादेश से जमीनी रास्ते से लाया गया। उन्होंने बताया कि सरकार का लक्ष्य वंदे भारत मिशन के दूसरे चरण के अंत तक 60 देशों से 1,00,000 लोगों को लाने का है।
वंदे भारत मिशन का दूसरा चरण 13 जून तक जारी रहेगा
वहीं, सरकार ने कहा कि विदेशों में फंसे भारतीयों को देश में वापस लाने का वंदे भारत मिशन का दूसरा चरण 13 जून तक जारी रहेगा और विस्तारित चरण के दायरे में 47 देश आयेंगे । गौरतलब है कि वंदे भारत मिशन का दूसरा चरण पहले 22 मई को समाप्त होना था । हालांकि, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि वंदे भारत मिशन का यह चरण 13 जून तक जारी रहेगा ।
भारत फ्रैंकफर्ट को इस मिशन का केंद्र बनाना चाहता है। बृहस्पतिवार के दोपहर तक इस मिशन के तहत 23,475 भारतीयों को देश में वापस लाया जा चुका है, जिसकी शुरूआत सात मई को हुई थी । श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘ हम 162 उड़ानों के माध्यम से 47 देशों से अपने नागरिकों को लाने के लिए आशान्वित हैं । इस चरण में इस्तांबुल, हो ची मिन्ह सिटी, लाओस जैसे स्थानों को शामिल किया गया है और अमेरिका और यूरोप से उड़ानों को बढ़ाया जायेगा । ’’ उन्होंने कहा कि अर्जेंटीना, दक्षिण अफ्रीका, पेरू, मंगोलिया जैसे देशों से भी हमारे नागरिकों ने लौटने का आग्रह किया है।