एयर इंडिया ने 200 केबिन क्रू को नौकरी से निकाला, हाल में ही इन लोगों को अनुबंध पर किया गया था बहाल
By अनुराग आनंद | Published: July 11, 2020 05:29 PM2020-07-11T17:29:39+5:302020-07-11T17:38:14+5:30
एयर इंडिया के इस एक फैसले से सीधे तौर पर इन सैकड़ों लोगों के परिवार पर बुरा असर पड़ने वाला है।
नई दिल्ली: देश में कोरोना संक्रमण के मामले में तेजी से वृद्धि हो रही है। यही वजह है कि सीमित संख्या में यान समेत यातायात के अन्य साधन के परिचालन को अनुमति दी गई है। ऐसे में होने वाले घाटा से निपटने के लिए कोरोना महामारी के इस दौर में एयर इंडिया ने करीब 200 लोगों को नैकरी से निकालने का फैसला किया है।
एयर इंडिया के इस एक फैसले से सीधे तौर पर इन सैकड़ों लोगों के परिवार पर बुरा असर पड़ने वाला है।
मिल रही जानकारी के मुताबिक, इन सभी 200 एयर इंडिया केबिन क्रू, जिन्हें हाल ही में एक अनुबंध के आधार पर शामिल किया गया था, समाप्त कर दिया गया है। इसके अलावा, एयर इंडिया प्रबंधन द्वारा 50 से अधिक पायलटों के इस्तीफे वापस लेने के अनुरोध को भी ठुकरा दिया गया है।
Around 200 Air India cabin crew who were recently inducted on a contract basis, have been terminated. Also, request of over 50 pilots for withdrawal of resignation denied by AI management; these pilots are currently serving notice period: Airline sources
— ANI (@ANI) July 11, 2020
इससे पहले ऑस्ट्रेलिया की क्वांटास एयरलाइन 6000 लोगों को नौकरी से निकाला-
बता दें कि इससे पहले ऑस्ट्रेलिया की बड़ी एयरलाइंस कंपनी क्वांटास एयरलाइन (Qantas Airline) ने कम से कम 6,000 नौकरियों की कटौती की योजना बताई थी। कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus effect) की वजह से दुनियाभर की विमानन क्षेत्र की कंपनियों का परिचालन लगभग ‘ठप’ है। यही वजह है कि ऑस्ट्रेलिया की सबसे बड़ी एयरलाइन भी इस महामारी की मार से प्रभावित हुई है।
इस महामारी के दौर में क्वांटास ने अपने 15,000 कर्मचारियों का अवकाश और बढ़ाने का फैसला किया। इस कंपनी का इरादा अपने 100 विमानों को एक साल या उससे अधिक समय तक खड़ा करने का है।
एयरबस ने 15 हजार नौकरी में कटौती की घोषणा की है-
कोरोना को लेकर बेहद नाजुक दौर से गुजर रही विमान कंपनी एयरबस ने पिछले दिनों 5 हजार कर्मचारियों को फ्रांस से हटाने की बात कही है। इसके अलावा, कंपनी ने पिछले दिनों कहा था कि 5100 लोगों को जर्मनी से, 900 को स्पेन से, 1700 को ब्रिटेन से और 1300 को दुनिया के अन्य देशों से कंपनी के कर्मचारियों को निकाला जाएगा।
कंपनी ने बताया कि योजना के बारे में यूनियन से चर्चा का कोई इरादा नहीं है। साथ ही कटौती के लिए कई तरीके अपनाए जाएंगे। स्वैच्छिक सेवानिवृति, वक्त से पहले रिटायरमेंट जैसे उपाय कंपनी अपनाने जा रही है।