यूपी : AIMIM प्रमुख ओवैसी ने कार्यक्रम के दौरान कोविड नियमों का किया उल्लंघन, भड़काऊ भाषण देने के आरोप में मामला दर्ज
By दीप्ती कुमारी | Published: September 10, 2021 10:34 AM2021-09-10T10:34:22+5:302021-09-10T10:38:59+5:30
एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर बाराबंकी जिले में यूपी में एक समुदाय विशेष को भड़काने और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने के लिए भड़काऊ भाषण देने के लिए मामला दर्ज किया गया है ।
लखनऊ : ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर बाराबंकी जिले में यूपी में एक समुदाय विशेष को भड़काने और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने के लिए भड़काऊ भाषण देने के लिए मामला दर्ज किया गया है । बाराबंकी के एसपी यमुना प्रसाद के अनुसार, उन्होंने COVID-19 मानदंडों और अनुमति दिशानिर्देशों की भी धज्जियां उड़ाईं ।
उन्होंने अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ भी अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया । ओवैसी को गुरुवार रात भारतीय दंड संहिता की धारा 153 ए, 188, 169 और 170 के तहत महामारी रोग अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत कोविड-19 मानदंडों और दिशानिर्देशों की धज्जियां उड़ाने के लिए बुक किया गया था ।
अपने भाषण में ओवैसी ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने इस साल की शुरुआत में एक सदी पुरानी मस्जिद को तोड़ दिया और उन्होंने इसे "राजनीतिक विध्वंस" कहा था । उन्होंने कहा, "बाराबंकी में एक 100 साल पुरानी मस्जिद शहीद हो गई । " उन्होंने प्रशासन पर मस्जिद को तोड़ने को लेकर कानून का पालन नहीं करने का आरोप लगाया और घटना के खिलाफ चुप्पी साधने वाले विपक्षी दलों पर हमला किया ।
दरअसल बाराबंकी प्रशासन ने इस साल मई में, किसी भी मस्जिद का उल्लेख किए बिना, विध्वंस की बात कही थी और बताया था कि राम सनेही घाट तहसील परिसर में उप-विभागीय मजिस्ट्रेट निवास के सामने एक "अवैध आवासीय परिसर" स्थित था । ओवैसी ने यह भी आरोप लगाया कि 2014 में केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सत्ता में आने के बाद देश की धर्मनिरपेक्षता कमजोर हुई है ।
उन्होंने गैरकानूनी गतिविधि अधिनियम का विरोध न करने पर समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को भी खरी-खरी सुनाई । बसपा और सपा ने यूएपीए का विरोध नहीं किया । अधिनियम के तहत कई युवकों को बिना मुकदमे के जेल भेज दिया गया है । इस कानून का इस्तेमाल दलितों और मुसलमानों के खिलाफ किया जा रहा है । पीएम मोदी पर तीखा हमला बोलते हुए, एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा कि देश को "हिंदू राष्ट्र" में बदलने के लिए सात साल पहले सत्ता में आने के बाद से प्रयास हो रहे हैं ।