नफरत भरे भाषण देने वाले शख्स के तौर पर पेश किए जाने से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता: ओवैसी
By भाषा | Published: March 11, 2019 04:46 AM2019-03-11T04:46:15+5:302019-03-11T04:46:15+5:30
इससे पहले श्री श्री रविशंकर को मध्यस्थ नियुक्त करने पर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल उठाए थें।
एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को कहा कि उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि उन्हें ‘‘नफरत भरे भाषण’’ देने वाले शख्स के तौर पर पेश किया जाता है या किसी खास तबके की नुमाइंदगी करते दिखाया जाता है। ओवैसी ने कहा कि एक सांसद के तौर पर मिली जिम्मेदारियां पूरी करने पर ध्यान होने के कारण वह इन चीजों की परवाह नहीं करते।
यहां आयोजित कार्यक्रम ‘टॉक विद असद’ में ओवैसी ने कहा, ‘‘यहां तक कि मेरे शुभचिंतकों ने भी इस बात पर चिंता जाहिर की है कि आपको एक खास छवि में बांध दिया गया है। लेकिन जहां तक मेरा मानना है तो मैं यहां अपनी छवि बनाने या गढ़ने के लिए नहीं आया।
मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मेरे विरोधी मुझे किस छवि में बांधते हैं।’’ ओवैसी ने कहा, ‘‘सबसे बड़ी बात है कि मेरा अंतर्मन साफ है। मैं वे काम करना चाह रहा हूं, जो मुझे सौंपे गए हैं। सांसद होना बड़े सम्मान की बात होती है।’’
इससे पहले श्री श्री रविशंकर को मध्यस्थ नियुक्त करने पर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल उठाए थें। ओवैसी ने कहा है कि श्री श्री रविशंकर जिन्हें मध्यस्थ नियुक्त किया गया है, उन्होंने पहले कहा था कि 'अगर अयोध्या में मुसलमान अपना दावा नहीं छोड़ते हैं, तो भारत सीरिया बन जाएगा।' बेहतर होता अगर सुप्रीम कोर्ट ने किसी निष्पक्ष व्यक्ति को मध्यस्थ नियुक्त किया होता।