'जुवेनाइल एक्ट पढ़ लें जनरल साहब', ओवैसी का बिपिन रावत पर पलटवार, कहा- 'योगी का 'बदला' या मेरठ SP का 'पाकिस्तान भेजना' भी शायद कट्टरता'
By पल्लवी कुमारी | Published: January 17, 2020 10:15 AM2020-01-17T10:15:12+5:302020-01-17T10:15:12+5:30
बिपिन रावत ने गुरुवार (16 जनवरी 2020) को नई दिल्ली में आयोजित 'रायसीना डायलॉग' में कहा, घाटी में 10 और 12 साल के लड़के-लड़कियों को कट्टरपंथी बनाया जा रहा है, जो चिंता का विषय है।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) बिपिन रावत के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है आप पहले जुवेनाइल एक्ट पढ़ लीजिए, जनरल साहब, बच्चों पर आईपीसी की धारा नहीं लगती है। बिपिन रावत ने गुरुवार को दावा किया था कि 'कश्मीर में 10-12 साल के छोटे बच्चों को कट्टरपंथी बनाया गया। उन्हे सुधार के लिए कैंप में भजेना होगा।' ओवैसी ने इसपर पलटवार करते हुए कहा, रणनीति बनाना प्रशासन का काम है, कोई जनरल रक्षा को लेकर रणनीति तय नहीं कर सकता।
#WATCH Telangana:AIMIM chief Asaduddin Owaisi speaks on Chief of Defence Staff General Bipin Rawat's statement, "...There are people who've been completely radicalised. These people need to be taken out separately,possibly taken to some de-radicalisation camps",in Adilabad.(16.1) pic.twitter.com/nDqbZwB9bB
— ANI (@ANI) January 17, 2020
असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर लिखा,'शायद योगी का बदला लेना और यूपी मेरठ एसपी का 'पाकिस्तान भेजना' भी कट्टरता है और आपका असम के बंगाली मुसलमानों के लिए नागरिकता का विरोध करने वालों के बारे में क्या ख्याल है? हो सकता है कि एनपीआर-एनआरसी के माध्यम से हम पर कठिनाई थोपने वाले लोगों का ये अपमान हो?'
Who’ll deradicalise lynchers & their political masters? What about those opposing citizenship for Assam’s Bengali Muslims?
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) January 16, 2020
Maybe deradicalise “Badla” Yogi & “Pakistan jao” Meerut SP? Maybe deradicalise those imposing hardship on us through NPR-NRC?https://t.co/hxHmhGbAvM
असदुद्दीन ओवैसी ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, 'बिपिन रावत का यह पहला हास्यास्पद बयान नहीं है। नीति का निर्णय नागरिक प्रशासन करता है, न कि कोई जनरल। नीति या राजनीति पर बात करके बिपिन रावत सिविलियन सुपरमेसी को कम कर रहे हैं।'
This is not the first ridiculous statement he has made. Policy is decided by civilian a dministration not by any General. By speaking on policy/politics, he is undermining civilian supremacy
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) January 16, 2020
पढ़ें, बिपिन रावत ने क्या दिया था बयान
बिपिन रावत ने गुरुवार (16 जनवरी 2020) को नई दिल्ली में आयोजित 'रायसीना डायलॉग' में पिहली बार खुलासा करते हुए कहा कि देश में कट्टरपंथ से मुक्ति दिलाने वाले शिविर चल रहे हैं क्योंकि यह वैसे लोगों को अलग करने के लिए जरूरी है, जिनका पूरी तरह चरमपंथीकरण हो चुका है। रावत ने कश्मीर में हालात का जिक्र करते हुए कहा कि घाटी में 10 और 12 साल के लड़के-लड़कियों को कट्टरपंथी बनाया जा रहा है, जो चिंता का विषय है।
बिपिन रावत ने कहा, ''इन लोगों को धीरे-धीरे कट्टरपंथ से अलग किया जा सकता है। हालांकि, ऐसे लोग भी हैं जो पूरी तरह कट्टरपंथी हो चुके हैं। इन लोगों को अलग से कट्टरपंथ से मुक्ति दिलाने वाले शिविर में ले जाने की आवश्यकता है।'' बिपिन रावत ने कहा, ये शिविर उन लोगों के लिए जरूरी हैं जो चरमपंथ के चंगुल में फंस चुके हैं।
रावत ने, ''देश में कट्टरपंथ से मुक्ति दिलाने वाले शिविर चलाए जा रहे हैं।'' उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में भी कट्टरपंथ से मुक्ति दिलाने वाले शिविर हैं। जनरल रावत ने कहा, ''मैं आपको बता दूं कि पाकिस्तान भी ऐसा कर रहा है। पाकिस्तान में भी चरमपंथ से मुक्ति दिलाने वाले शिविर चलाए जा रहे हैं क्योंकि वे समझ चुके हैं कि जिस आतंकवाद को वे प्रायोजित कर रहे हैं, वह उन्हें भी प्रभावित कर रहा है।''