कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों के ज्यादा संक्रमित होने की बात का वैज्ञानिक आधार नहीं: डॉक्टर गुलेरिया
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 24, 2021 10:26 PM2021-05-24T22:26:25+5:302021-05-24T22:26:25+5:30
एम्स के डायरेक्टर डॉ.रणदीप गुलेरिया ने सोमवार को कोविड-19 की तीसरी लहर में बच्चों के ज्यादा संक्रमित होने की बात पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि यह बात तथ्यों पर आधारित नहीं है।
कोरोना के मामलों और मौतों के बीच अभी तक बच्चों के गंभीर रूप से संक्रमित होने के बहुत ज्यादा मामले सामने नहीं आए हैं। एम्स के डायरेक्टर डॉ.रणदीप गुलेरिया ने सोमवार को कोविड-19 की तीसरी लहर में बच्चों के ज्यादा संक्रमित होने की बात पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि यह बात तथ्यों पर आधारित नहीं है। यह पुख्ता तौर पर नहीं कहा जा सकता है कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों पर ज्यादा असर करेगी और लोगों को इससे नहीं डरना चाहिए।
इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (आइएपी) ने कहा है कि 90 फीसद बच्चों में संक्रमण हल्का या बिना लक्षणों वाला होता है। वहीं गुलेरिया ने कहा कि कोरोना की दोनों लहरों में बच्चों में मामले ज्यादा गंभीर नहीं रहे हैं। ऐसे में तीसरी लहर में पिछली दोनों लहरों के मुकाबले ज्यादा मामले और मौतें होंगी, यह दावा वैज्ञानिक तौर पर ठीक नहीं लगता है।
अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ेगी
साथ ही उन्होंने कहा कि हो सकता है कि जब स्कूल-कॉलेज खुलें और बच्चे आपस में मिलें तो शायद कोरोना के मामले बढ़ सकते हैं। हालांकि अभी तक सामने आए आंकड़ों के मुताबिक ज्यादातर मामलों में बच्चों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
स्वस्थ बच्चों में कम लक्षण वाले मामले
उन्होंने कहा कि अभी तक जो भी बच्चे अस्पताल में भर्ती हुए हैं, उनमें अन्य बीमारियां भी थी। स्वस्थ बच्चों में ज्यादातर कम लक्षण वाले मामले ही सामने आए हैं।
ब्लैक फंगस के बारे में यह बोले गुलेरिया
गुलेरिया ने कहा कि जो लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं और जिनमें कुछ विशेष लक्षण हों जैसे सिर दर्द, नाक का बंद होना, नाक से खून आना, चेहरे पर सूजन या एक ओर दर्द हो तो यह ब्लैक फंगस के लक्षण हो सकते हैं। यदि किसी में ऐसे लक्षण आए तो उन्हें तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।