कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए एम्स ने उठाया बड़ा कदम, अब बर्न और प्लास्टिक यूनिट में भी होगा कोविड-19 का इलाज
By सुमित राय | Published: June 11, 2020 05:19 PM2020-06-11T17:19:01+5:302020-06-11T17:32:45+5:30
राजधानी दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में नवनिर्मित इमारत का इस्तेमाल अब कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए किया जाएगा।
दिल्ली स्थित ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स) ने कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए बड़ा कदम उठाया है और नवनिर्मित बर्न्स एंड प्लास्टिक ब्लॉक को कोरोना वायरस के रोगियों के समर्पित इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। एम्स की दो इकाइयां- ट्रामा सेंटर और झज्जर में नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट-इंडिया (एनसीआई) - पहले से ही कोविड-19 इकाई के रूप में कार्यरत हैं।
एम्स ने यह कदम मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के उस बयान के बाद उठाया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि एक बार लोगों के दूसरे राज्यों से इलाज के लिए शहर में आना शुरू होने पर 31 जुलाई तक दिल्ली में 1.5 लाख बेड की जरूरत होगी।
100 बेड वाली इकाई एम्स ट्रॉमा सेंटर के पास
अधिकारियों ने कहा कि 100 बेड वाली यह इकाई एम्स ट्रॉमा सेंटर के बगल में स्थित है और इसे कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों की देखभाल के लिए तैयार किया जा रहा है। इस इकाई के इस सप्ताह के अंत तक शुरू हो जाने की उम्मीद है।
एम्स के उप निदेशक सुभाशीष पांडा ने कहा, "बर्न्स और प्लास्टिक सर्जरी ब्लॉक का निर्माण कार्य पूरा होने के करीब था। काम में तेजी लाई गई और हमने अब कोविड-19 रोगियों के उपचार के लिए लगभग 100 बेड के साथ इसे तैयार किया है। इसके सप्ताहांत तक शुरू होने की उम्मीद है।"
एम्स के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. डी के शर्मा ने कहा, "अब कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए बर्न्स एंड प्लास्टिक सर्जरी ब्लॉक को भी चालू किया जाएगा। यदि हम अपने और ब्लॉक को कोविड-19 देखभाल के लिए परिवर्तित करते हैं तो गंभीर रूप से बीमार गैर-कोविड-19 रोगियों के उपचार को नुकसान होगा।"
एम्स ट्रॉमा सेंटर में हैं लगभग 250 बेड
एम्स की मुख्य प्रवक्ता डा. आरती विज के अनुसार 25 मार्च से 31 मई के बीच लॉकडाउन की अवधि के दौरान जय प्रकाश नारायण एपेक्स ट्रॉमा सेंटर और झज्जर में नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट-इंडिया (एनसीआई) में 2,301 मरीज भर्ती हुए।
उन्होंने कहा कि किसी भी दिन एम्स में औसतन लगभग 800 कोरोना वायरस संक्रमित मरीज भर्ती होते हैं। एम्स ट्रॉमा सेंटर में लगभग 250 बेड हैं और इस समय 221 मरीजों का इलाज कोरोना वायरस संक्रमण के लिए चल रहा है। इसके अलावा, एनसीआई, झज्जर में 750 बिस्तरों की व्यवस्था है और वर्तमान में वहां 553 से अधिक मरीज भर्ती हैं।
दिल्ली में कोरोना वायरस के चपेट में करीब 33 हजार लोग
केंद्रीय स्वास्थय मंत्रालय के अनुसार राजधानी दिल्ली में अब तक 32810 लोग कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं, जिसमें से 984 लोगों की मौत हो चुकी है। दिल्ली में अब तक 12245 लोग कोविड-19 से ठीक हो चुके हैं, जबकि राजधानी में 19581 एक्टिव केस मौजूद है।
(भाषा से इनपुट के साथ)