अहमदाबाद बम विस्फोट मामले में फांसी की सजा पाने वाले आतंकियों में से एक सरगना गया जेल में है बंद, ऐसे चढ़ा था पुलिस के हत्थे

By एस पी सिन्हा | Published: February 19, 2022 03:29 PM2022-02-19T15:29:42+5:302022-02-19T15:29:42+5:30

अहमदाबाद बम विस्फोट मामले में कोर्ट ने 38 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है. एक साथ इतने लोगों को फांसी की सजा सुनाये जाने का भारत में यह पहला मामला है.

Ahmedabad blast case One terrorist sentenced to death is in Gaya jail, was caught by bihar police | अहमदाबाद बम विस्फोट मामले में फांसी की सजा पाने वाले आतंकियों में से एक सरगना गया जेल में है बंद, ऐसे चढ़ा था पुलिस के हत्थे

अहमदाबाद बम ब्लास्ट (फाइल फोटो)

Highlightsफांसी की सजा पाने वाले 38 आतंकियों मे से एक सरगना बिहार के गया सेंट्रल जेल में बंद है.इस आतंकी का नाम तौसीफ पठान है, अहमदाबाद ब्लास्ट के बाद गया में छुपकर रहा था ये शख्स.गया शहर के सिविल लाइन्स थाना क्षेत्र के राजेंद्र आश्रम मोहल्ला में कैफे संचालक की सूचना पर हुई थी गिरफ्तारी.

गया: अहमदाबाद बम विस्फोट मामले में फांसी की सजा सुनाये गये 38 आतंकियों मे से एक सरगना बिहार के गया सेंट्रल जेल में बंद है. वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये ही उसे फांसी की सजा सुनाई गई. गया केंद्रीय कारा के अधीक्षक विजय कुमार अरोडा ने बताया कि आतंकी तौसीफ पठान उनकी जेल में बंद है. जेल प्रशासन के मुताबिक फांसी की सजा सुनाये जाने के बाद उसकी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. जेल प्रशासन उस पर खास तौर पर नजर रख रहा है. 

फांसी की सजा सुनकर उड़ा चेहरे का रंग

जेल सूत्रों के मुताबिक जब तौसीफ को फांसी की सजा सुनाई जा रही थी तो उसके चेहरे का रंग उड़ा हुआ था. कोर्ट के फैसले के बाद वह कुछ बुदबुदा रहा था लेकिन आवाज इतनी धीमी थी कि आस पास खडे लोग सुन नहीं पाये कि वह क्या कह रहा है. 

गया जेल प्रशासन के मुताबिक तौसीफ को गया जेल में 15 सितंबर 2017 को लाया गया था. कुछ दिनों बाद अहमदाबाद से पुलिस की टीम वहां पहुंची थी. उसे कड़ी सुरक्षा के बीच अहमदाबाद सीरियल बम ब्लास्ट में पूछताछ और कोर्ट में पेशी के लिए 27 नवंबर 2017 को ले जाया गया था. 

विस्फोट केस से संबंधित सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद तौसीफ को फिर से 09 मार्च 2020 को गया केंद्रीय कारा वापस लाया गया था. ये आतंकी तब से गया जेल में ही बंद है. 

अहमदाबाद ब्लास्ट के बाद गया में रह रहा था आतंकी

बताया जाता है कि 2008 में अहमदाबाद ब्लास्ट को अंजाम देने के बाद तौसीफ पठान गया में आकर छिप गया था. वह गया में अपना नाम पता बदल कर रहता था और वहीं से आतंकी नेटवर्क तैयार कर रहा था. तौसीफ पठान प्रतिबंधित संगठन ’सीमी’ (स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया) का नेटवर्क तैयार कर रहा था. उसने कई युवकों को इस संगठन से जोड कर आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए तैयार किया था. वह अपना नेटवर्क तैयार करने के लिए एक साइबर कैफे में जाता था. 

साइबर कैफे संचालक ने दी थी पुलिस को जानकारी

गया शहर के सिविल लाइन्स थाना क्षेत्र के राजेंद्र आश्रम मोहल्ला में कैफे संचालक अनुराग बसु को उस पर शक हुआ तो उन्होंने तौसीफ की हरकतों पर नजर रखा. उसके आतंकी कनेक्शन की भनक मिलते ही साइबर कैफे संचालक ने सिविल लाइन्स थाना पुलिस को इसकी जानकारी दी और तब पुलिस ने तौसीफ को गिरफ्तार किया था. 

तौसीफ को जब गया में गिरफ्तार किया गया था तो वहां भी उसके खिलाफ केस दर्ज किया गया था. हालांकि गिरफ्तारी के बाद उससे पूछताछ करने देश भर के कई राज्यों की पुलिस पहुंची थी. तौसीफ के खिलाफ जालसाजी से लेकर देशद्रोह का मामला चल रहा है. गया कोर्ट के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरती कुमारी सिंह की अदालत में उसके खिलाफ मुकदमा चल रहा है. उसके खिलाफ केस में मीना देवी उच्च विद्यालय के सहायक अरूण कुमार सिंह समेत दूसरे लोगों की गवाही हो चुकी है.

Web Title: Ahmedabad blast case One terrorist sentenced to death is in Gaya jail, was caught by bihar police

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