कृषि कानून: राजघाट पर धरना देंगे पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह, महिलाओं ने संभाला मोर्चा, दिल्ली चलो की तैयारी
By शीलेष शर्मा | Published: November 3, 2020 09:08 PM2020-11-03T21:08:40+5:302020-11-03T21:10:32+5:30
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी अपने विधायकों और मंत्रियों के साथ किसानों के करो या मरो के संघर्ष में शामिल होने के लिये कल ही दिल्ली कूच कर रहे हैं। उन्होंने यह कदम आज उस समय उठाया जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविद ने मुख्यमंत्री सिंह और उनके साथियों से मिलने से इंकार कर दिया।
नई दिल्लीः मोदी सरकार द्वारा पारित किये गये कृषि क़ानूनों के खिलाफ कल पंजाब के किसान राजधानी दिल्ली में सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल कर "करो या मरो "का संघर्ष शुरू करेंगे।
राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी अपने विधायकों और मंत्रियों के साथ किसानों के करो या मरो के संघर्ष में शामिल होने के लिये कल ही दिल्ली कूच कर रहे हैं। उन्होंने यह कदम आज उस समय उठाया जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविद ने मुख्यमंत्री सिंह और उनके साथियों से मिलने से इंकार कर दिया।
मुख्यमंत्री के प्रवक्ता ने बताया कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राष्ट्रपति से मिलने का समय माँगा था ताकि विधानसभा द्वारा पारित प्रस्तावों से उनको अवगत कराया जा सके, लेकिन राष्ट्रपति कोविद ने मुलाक़ात करने से इंकार कर दिया। अमरिंदर सिंह और उनके साथी विधायक जहाँ राजघाट पर गाँधी समाधी पर धरना देंगे तो दूसरी ओर पंजाब के किसान दिल्ली घेरने के लिये पंजाब के गाँव-गाँव से जत्था बना कर दिल्ली की तरफ कूच करेंगे।
पंजाब से मिली खबरों के अनुसार किसानों के इस आंदोलन में अब पंजाब की महिलायें भी कूद पड़ी हैं और इन्हीं महिलाओं ने आंदोलन को नारा दिया है "करो या मरो ",हैरानी की बात तो यह है कि महिलाओं को आंदोलन में शिरक़त करने के लिये महिलाओं की टोली गाँवों गाँवों जा कर बैठकें कर रही हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को दिल्ली कूच कराया जा सके।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री कार्यालय ने 21 अक्टूबर को राष्ट्रपति से चार नवंबर को अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल के लिए मुलाकात का समय मांगा था और पंजाब विधानसभा द्वारा पिछले महीने पारित कृषि विधेयकों को मंजूरी देने की मांग की थी जो केंद्र द्वारा लागू तीन कृषि कानूनों को निष्प्रभावी करने के लिए पारित किया गया है। राज्य सरकार ने मंगलवार को बताया कि राष्ट्रपति भवन ने मुलाकात का समय देने से इनकार कर दिया है।
मुख्यमंत्री ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली में प्रदर्शन के दौरान केंद्र द्वारा मालगाड़ियों के परिचालन को रोकने की वजह से पंजाब में बिजली संकट और आवश्यक सामानों की कमी को भी उजागर किया जाएगा। रेलवे ने पंजाब में ट्रेनों का परिचालन यह कहकर रोक दिया है कि कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान अब भी कुछ पटरियों पर जमे हैं। हालांकि राज्य सरकार का कहना है कि पटरियों पर से अवरोधक हटा लिए गए हैं और मालगाड़ियों को परिचालन की अनुमति दी जा रही है।
पंजाब सरकार ने कहा कि कोयले की कमी की वजह से राज्य के ताप विद्युत संयंत्र बंद हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में चूंकि धारा 144 लागू है और लोगों के जमा पर होने पर रोक है, इसलिए विधायक चार-चार के समूह में पंजाब भवन से महात्मा गांधी की समाधि राजघाट जाकर ‘क्रमिक धरना’ देंगे। सिंह ने कहा कि पहला समूह सुबह 10 बजकर 30 मिनट पर राजघाट पहुंचेगा। उन्होंने राज्य के कांग्रेस विधायकों के अलावा पंजाब के अन्य पार्टियों के विधायकों से भी धरना में शामिल होने का आह्वान किया।