Agriculture Bill: राष्ट्रपति कोविंद से मिले शिरोमणि अकाली दल के नेता, विधेयक पर हस्ताक्षर न करने की अपील की
By स्वाति सिंह | Published: September 21, 2020 06:57 PM2020-09-21T18:57:17+5:302020-09-21T18:57:17+5:30
इससे पहले शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर ने भी इस बिल के विरोध में केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। कृषि विधेयकों के विरोध में 25 सितंबर को होने वाले पंजाब बंद के लिए 31 किसान संगठन एक साथ आने के लिए तैयार हुए हैं।
नई दिल्ली: राज्यसभा में रविवार को कृषि बिल को ध्वनिमत से पासकिया गया। इसके बाद से ही देश के कई हिस्सों में विरोध जारी है। इसी बीच कृषि बिल पर बात करने के लिए बादल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने पहुंचे थे। सुखबीर सिंह बादल और मंजिंदर सिंह सिरसा के नेतृत्व में अन्य नेता भी राष्ट्रपति से मिलने पहुंचे थे। इनके साथ नरेश गुजराल भी मौजूद थे।
राष्ट्रपति से मिलने के बाद सुखबीर सिंह बाद ने कहा, 'राष्ट्रपति से मिलकर उन्हें इस विवादास्पद बिल को स्वीकार न करें। बिल को चयन समिति के पास भेजा जाना चाहिए। विपक्ष की बात को भी राज्यसभा में सुनना चाहिए। हम लगातार कह रहे हैं कि ये बिल किसान विरोधी है। आप किसानों की प्रतिक्रिया देख सकते हो।'
इससे पहले शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर ने भी इस बिल के विरोध में केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। कृषि विधेयकों के विरोध में 25 सितंबर को होने वाले पंजाब बंद के लिए 31 किसान संगठन एक साथ आने के लिए तैयार हुए हैं। इस संबंध में किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने शनिवार को मोगा में एक बैठक की। किसान मजदूर संघर्ष समिति ने पहले ही 24 से 26 सितंबर के बीच रेल रोको आंदोलन का आह्वान किया हुआ है।
क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने बताया कि पंजाब बंद को समर्थन देने वालों में मुख्य तौर पर भारती किसान यूनियन (क्रांतिकारी), कीर्ति किसान यूनियन, भारती किसान यूनियन (एकता उगराहां), भाकियू (दोआबा), भाकियू (लाखोवाल) और भाकियू (कादियां) आदि संगठन शामिल हैं।