आगरा: ऊंची जाति के लोगों ने चिता से उतरवाया दलित महिला का शव, भड़कीं मायावती ने कहा- शर्मनाक, जानें क्या है पूरा विवाद
By पल्लवी कुमारी | Published: July 28, 2020 10:04 AM2020-07-28T10:04:01+5:302020-07-28T10:04:01+5:30
जाति भेदभाव का यह पूरा मामला उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के अछनेरा तहसील के रायभा गांव की है। जहां गांव के उच्च जाति के लोगों ने दलित महिला का अंतिम संस्कार गांव के शमशान-घाट में नहीं होने दिया।
लखनऊ/आगरा:उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में जाति भेदभाव के एक मामले को लेकर बहुजन समाज पार्टी (BSP)की सुप्रीमो मायावती ने नाराजगी जताई है। आगरा जिले में अछनेरा तहसील के रायभा गांव में एक दलित महिला की मौत हो गई। जिसके बाद उसके अंतिम संस्कार के वक्त गांव के उच्च जाति के लोगों ने कथित तौर पर शव को चिता से उतरवा दिया। वो भी सिर्फ इसलिए क्योंकि महिला दलित थी। इस घटना की बसपा सुप्रीम मायावती ने कड़ी आलोचना की है। मयावती ने ट्वीट कर इसे शर्मनाक बताया है। मायावती ने योगी सरकार से इस घटना की जांच की मांग की है।
बसपा सुप्रीम मायावती ने मंगलवार को ट्वीट कर लिखा, यूपी में आगरा के पास एक दलित महिला का शव वहां जातिवादी मानसिकता रखने वाले उच्च वर्गों के लोगों ने इसलिए चिता से हटा दिया, क्योंकि वह शमशान-घाट उच्च वर्गों का था, जो यह अति-शर्मनाक व अति-निन्दनीय भी है।
2. इस जातिवादी घृणित मामले की यू.पी., सरकार द्वारा उच्च स्तरीय जाँच होनी चाहिये तथा दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिये, ताकि प्रदेश में ऐसी घटना की फिर से पुनरावृति ना हो सके, बी.एस.पी की यह पुरजोर माँग है। 2/3
— Mayawati (@Mayawati) July 28, 2020
मायावती ने आगे लिखा, इस जातिवादी घृणित मामले की यूपी, सरकार द्वारा उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए और दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए, ताकि प्रदेश में ऐसी घटना की फिर से पुनरावृति ना हो सके, बीएसपी की यह पुरजोर मांग है।
मायावती ने मध्य प्रदेश के दलित परिवार को लेकर भी कही ये बात
मायावती ने अपने आज (28 जुलाई) के ही ट्वीट में लिखा, '' साथ ही, मध्य प्रदेश के दलित परिवार में जन्मे दिल्ली के एक डाक्टर की कोरोना से हुई मौत अति-दुःखद। दिल्ली सरकार को भी अपनी जातिवादी मानसिकता को त्यागकर उसके परिवार की पूरी आर्थिक मदद जरूर करनी चाहिए, जिन्होंने कर्जा लेकर उसे डाक्टरी की पढ़ाई कराई।''
3. साथ ही, मध्यप्रदेश के दलित परिवार में जन्मे दिल्ली के एक डाक्टर की कोरोना से हुई मौत अति-दुःखद। दिल्ली सरकार को भी अपनी जातिवादी मानसिकता को त्यागकर उसके परिवार की पूरी आर्थिक मदद जरूर करनी चाहिये, जिन्होंने कर्जा लेकर उसे डाक्टरी की पढ़ाई कराई। 3/3
— Mayawati (@Mayawati) July 28, 2020
आगरा वाले मामले पर बिठाई गई जांच
नवभारत टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, मामला मीडिया में आने के बाद एसएसपी बबलू कुमार ने इस मामले की सीओ अछनेरा को जांच सौंपी है। एसएसपी बबलू कुमार ने कहा, जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
जानें क्या है पूरा विवाद
बताया जा रहा है कि महिला महिला नट जाति थी। बीमारी की वजह से उसकी मौत हो गई है। परिजन ने गांव के श्मशान घाट पर उसकी चिता बना थी। जैसे ही इसके बार गांव के उच्च जाति के लोगों को इसके बारे में सूचना मिली, उन्होंने आकर महिला का शव को चिता से उतरवा दिया।
मृतक महिला के परिजन ने थाने में शिकायत की। मौके पर सीओ और थाना प्रभारी आये लेकिन बात नहीं बनी। इसके बाद जलती चिता से शव को हटाकर दूसरी जगह महिला का दाह संस्कार कराया गया।
सबसे हैरानी वाली बता तो यह है कि जिस वक्त ये घटना हुई मृत महिला का 6 साल का मासूम बच्चा अपने दादा के साथ हाथ में आग लेकर अपनी मां की चिता का चक्कर लगा रहा था। आरोप है कि विरोध करने वाले लोगों ने बच्चे के हाथ से आग छीन ली और चिता को जलने से रोक दिया।