आगरा के अस्पताल में 'मॉक ऑक्सीजन ड्रिल' में 22 की मौत! राहुल गांधी बोले- भाजपा शासन में ऑक्सीजन और मानवता दोनों की कमी
By विनीत कुमार | Published: June 8, 2021 11:50 AM2021-06-08T11:50:55+5:302021-06-08T11:58:25+5:30
आगरा के अस्पताल में मॉक ऑक्सीजन ड्रिल कथित 22 मौतों को लेकर कांग्रेस ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योदी आदित्यनाथ पर निशाना साधा है। प्रियंका गांधी ने वायरल वीडियो शेयर करते हुए पूछा है कि इसके लिए जिम्मेदार आखिर कौन है।
आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा में पारस अस्पताल में 'मॉक ऑक्सीजन ड्रिल' और ऑक्सीजन की कमी से कथित तौर पर 22 लोगों की मौत का मामला अब तूल पकड़ने लगा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत प्रियंका गांधी ने भी पूरी घटना को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा कि इस अपराध में शामिल सभी लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए। राहुल ने साथ ही लिखा कि भाजपा शासन में ऑक्सीन और मानवता दोनों की भारी कमी है।
वहीं, प्रियंका गांधी ने भी उस वायरल वीडियो को ट्वीट कर पूछा है कि ऐसी घटना के लिए जिम्मेदार कौन है। प्रियंका गांधी ने ट्विटर पर लिखा कि प्रधानमंत्री करते हैं कि उन्होंने ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं होने दी। दूसरी ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं और ऐसी अफवाह फैलाने वालों की संपत्ति जब्त होगी। ऐसे में 22 लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन है।
PM: “मैंने ऑक्सीजन की कमी नहीं होने दी”
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 8, 2021
CM: "ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं। कमी की अफवाह फैलाने वालों की संपत्ति जब्त होगी।"
मंत्री: “मरीजों को जरूरत भर ऑक्सीजन दें। ज्यादा ऑक्सीजन न दें।”
आगरा अस्पताल: "ऑक्सीजन खत्म थी। 22 मरीजों की ऑक्सीजन बंद करके मॉकड्रिल की।"
ज़िम्मेदार कौन? pic.twitter.com/DbiqtILE27
आगरा में 'मौत का मॉक ड्रिल', क्या है पूरा मामला
दरअसल ये पूरी घटना 26 अप्रैल की बताई जा रही है। इससे संबंधित कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं जिसमें पारस अस्पताल के संचालक डॉ. अरिंजय जैन ऑक्सीजन की कमी की बात बता रहे हैं।
इस वीडियो में डॉक्टर जैन ये बात कहते नजर आ रहे हैं कि 26 अप्रैल को सुबह 7 बजे पांच मिनट के लिए अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई बंद कर दी गई थी। डॉक्टर जैन के अनुसार इसका मकसद ये देखना था कि इसमें मरीज किस तरह बच पाते हैं। हालांकि कोविड और गैर कोविड वार्ड में इससे 22 की मौत हो गई।
डॉक्टर जैन कहते हैं, 'ऑक्सीजन की बहुत कमी थी। मोदीनगर में कुछ नहीं था। हम लोगों से अपने मरीजों को घर ले जाने के लिए कह रहे थे लेकिन कोई तैयार नहीं था। इसलिए मैंने प्रयोग करने की सोची। एक मॉक ड्रिल जैसा कुछ। हमने 26 अप्रैल को सुबह 7 बजे पांच मिनट के लिए ऑक्सीजन सप्लाई बंद किया। 22 मरीज सांस के लिए संघर्ष करने लगे और उनका शरीर नीला पड़ने लगा। ऐसे में हमें पता चल गया कि अगर ऑक्सीजन नहीं मिला तो वे नहीं बच सकेंगे। इसके बाद आईसीयू वार्ड में बचे 74 मरीजों के परिजनों को खुद ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम करने के लिए हमने कहा।'
वहीं, दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार जब अस्पताल संचालक डॉ. जैन से इस घटना पर फोन पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि ये 26 या 27 अप्रैल का वीडियो है। उन्होंने कहा कि वे अपने स्टाफ से बात कर रहे थे और इसे तोड़ मरोड़कर पेश किया गया है।