कश्मीर: ट्यूलिप के फूलों और बर्फ की वादियों के बाद अब सैलानियों को बुला रहा है 'केसर महोत्सव'
By सुरेश एस डुग्गर | Published: November 5, 2022 04:12 PM2022-11-05T16:12:30+5:302022-11-05T16:18:05+5:30
कश्मीर में आजकल कुदरत का अद्भुत नजारा देखने को मिल रहा है, जिसका इंतजार लोग पूरे साल बेसब्री से करते हैं। जी हां, यहां के खुश्क मैदान में पैदा होने वाले केसर इन दिनों सैलानियों के लिए खास आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।
जम्मू: लाखों सैलानियों को ट्यूलिप के फूलों और संगमरमरी बर्फ की वादियों से मदहोश करने वाला कश्मीर अब पर्यटकों को केसर की खुशबू से अपने करीब बुला रहा है। इसके लिए कश्मीर में बकायदा केसर महोत्सव का भी आयोजन किया गया है। आज कल कश्मीर में कुदरत का एक और अद्भुत नजारा देखने को मिल रहा है, जो कि अगले 10-15 दिनों में समाप्त हो जाएगा।
जी हां, इन दिनों कुदरत का एक ऐसा अद्भुत नजारा देखने को मिल रहा है, जिसका इंतजार लोग पूरे साल बेसब्री से करते हैं। यहां के खुश्क मैदान, जहां न सब्जी न फल और ना ही कोई अनाज उगता है, बल्कि कुदरत ने इस जगह को अपने सबसे हसीन तोहफे केसर के फूलों से नवाजा है। केसर का फूल दुनिया का सबसे महंगा फूल है। इस फूल की डिमांड दुनिया भर में सबसे ज्यादा है। केसर के इस फूल से पर्यटकों को परिचित कराने और व्यवसाय को बढ़ावा मिले, इसलिए इस बार पर्यटन विभाग ने केसर महोत्सव का आयोजन किया है।
कश्मीर का केसर दुनिया का सबसे अच्छा और महंगा केसर माना जाता है और कश्मीर में इसकी खपत ईरान के बाद दूसरे नंबर पर है, लेकिन क्वालिटी और इसके रंग के कारण यह विश्व भर में पहले नंबर पर आता है और इसकी सबसे ज्यादा डिमांड अपने ही देश भारत में है। कश्मीर में जहां केसर शादियों में खास तौर पर इस्तेमाल किया जाता है, तो देश के दूसरे राज्यों में इसका इस्तेमाल पूजा अर्चना के अलावा मेडिसिन बनाने में भी किया जाता है।
केसर को हासिल करने के लिए एक-एक फूल को चुना जाता है। केसर को बाकी फूल से अलग करके सुखाया जाता है। एक किलो केसर के लिए 70-80 हजार फूलों को चुनना पड़ता है। हल्के नीले रंग का यह फूल अपने अन्दर केसर की लड़ियों को छुपा कर रखता है और इसकी वजह से ये दुनिया का सबसे महंगा मसाला बनता है। जो 3-3.5 लाख रुपये प्रति किलोग्राम बिकता है। पूरे दुनिया में 2 या 3 ऐसे देश हैं जहां केसर उगता है पर कश्मीर का केसर पूरी दुनिया में मशहूर है।
इस बार भले ही बेमौसम बर्फबारी के चलते केसर के फूल काफी कम ही खिले हैं, लेकिन लोग नजारे को देखने के लिए आ रहे हैं। इसलिए पर्यटकों को रिझाने के लिए जम्मू कश्मीरपर्यटन विभाग ने पम्पोर में केसर महोत्सव का आयोजन किया है। इस महोत्सव में चार चांद लगाने के लिए स्कूली बच्चों ने केसर की खेती की और एक रंगारंग कार्यक्रम का भी आयोजन हुआ।
केसर महोत्सव में लोक कलाकारों ने अपनी मधुर आवाज सबको मदहोश कर दिया, वहीं कश्मीरी पारंपरिक ड्रेस में नजर आए स्कूली बच्चों ने इस महोत्सव में कश्मीर की उस परंपरा को दर्शाया, जो सदियों से पम्पोर के केसर के इन खेतों में नजर आता है। अधिकारियों का कहना था कि केसर महोत्सव के जरिए काफी सारे लोगों को केसर के बारे में पता चलेगा और इस कारोबार से जुड़े लोगों को भी काफी फायदा मिलेगा।