Narendra Modi 3.0: चुनाव परिणाम आने के बाद किंगमेकर की भूमिका में आई जदयू ने मंत्रालय को लेकर शुरू कर दी प्रेशर पॉलिटिक्स!

By एस पी सिन्हा | Published: June 6, 2024 03:31 PM2024-06-06T15:31:14+5:302024-06-06T15:32:47+5:30

चार सांसद पर एक मंत्रालय के फार्मूले पर जदयू अपने हिस्से में तीन मंत्रालय चाहती है। चूंकि पार्टी के 12 सांसद है, इसलिए वह 3 मंत्रालय चाहती है।

After the election results, JDU, which came into the role of kingmaker, started pressure politics regarding the ministry | Narendra Modi 3.0: चुनाव परिणाम आने के बाद किंगमेकर की भूमिका में आई जदयू ने मंत्रालय को लेकर शुरू कर दी प्रेशर पॉलिटिक्स!

Narendra Modi 3.0: चुनाव परिणाम आने के बाद किंगमेकर की भूमिका में आई जदयू ने मंत्रालय को लेकर शुरू कर दी प्रेशर पॉलिटिक्स!

Highlightsसूत्र बता रहे हैं कि नीतीश कुमार केंद्र की नई सरकार में रेल, कोयला और स्टील मंत्रालय पर निगाहें जबकि लोजपा-आर की ओर से कैबिनेट और राज्य मंत्री की बात की जा रही हैइसके अलावा हिन्‍दुस्‍तान आवाम मोर्चा ने एक कैबिनेट मंत्री की मांग की है

पटना: लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद किंगमेकर की भूमिका में आई जदयू की ओर से प्रेशर पॉलिटिक्स की बात सामने आने लगी है। चार सांसद पर एक मंत्रालय के फार्मूले पर जदयू अपने हिस्से में तीन मंत्रालय चाहती है। चूंकि पार्टी के 12 सांसद है, इसलिए वह 3 मंत्रालय चाहती है। सूत्र बता रहे हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार केंद्र की नई सरकार में रेल, कोयला और स्टील मंत्रालय पर निगाहें टिका दी है। जबकि लोजपा-आर की ओर से कैबिनेट और राज्य मंत्री की बात की जा रही है। इसके अलावा हिन्‍दुस्‍तान आवाम मोर्चा ने एक कैबिनेट मंत्री की मांग की है। 

इस बीच जदयू ने साफ कह दिया है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए। जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि कहा है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड पर हमारा रुख आज भी जस का तस है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अग्निवीर पर नए तरीके से सोचा जाए। इसके अलावा पार्टी का मानना है कि यूसीसी एक पेचीदा विषय है, लिहाजा सभी लोगों से इस पर व्यापक चर्चा हो। इसके अलावा एक देश-एक चुनाव पर जदयू ने सरकार को समर्थन दिया है। 

अग्निवीर योजना को लेकर भी मतभेद हैं। ज्यादातर राजनीतिक दल इसके पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हम एनडीए के मजबूत हिस्सेदार के रूप में सामने आए हैं। हम अटल बिहारी की एनडीए सरकार में कई अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। हम लंबे समय से मांग कर रहे हैं कि अगर बिहार से पलायन रोकना है, तो उसे विशेष राज्य का दर्जा देना चाहिए। वो प्रधानमंत्री का प्रोवोकेटिव है कि वो किस को कौन सा मंत्रालय देंगे। हमारी ऐसी कोई मांग नहीं है। 

उल्लेखनीय है कि बिहार में भाजपा और जदयू को 12-12 सीटें मिली हैं। चिराग पासवान ने सभी 5 सीटों पर फतह हासिल की है तो जीतन राम मांझी भी चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे हैं। बिहार एनडीए के घटक दलों में केवल उपेंद्र कुशवाहा को निराशा हाथ लगी है। अब देखना यह है कि बिहार में मंत्रियों की संख्या को लेकर क्या फार्मूला लांच किया जा सकता है। चिराग पासवान और जीतन राम मांझी का मंत्री बनना तय नजर आ रहा है तो जदयू की ओर से ललन सिंह और संजय झा भी मंत्री पद के सबसे बड़े दावेदार हैं। 

बिहार भाजपा कोटे से मोदी सरकार 2.0 में मंत्रियों की जो संख्या थी, वो घट सकती है। इस बार की सरकार में जदयू के 2 और चिराग पासवान की पार्टी लोजपा रामविलास की ओर से एक सांसद मंत्री बन सकते हैं। संभव है कि पीएम मोदी और भाजपा बिहार के कुछ निवर्तमान मंत्रियों के बदले नए चेहरों पर दांव लगाए।

Web Title: After the election results, JDU, which came into the role of kingmaker, started pressure politics regarding the ministry

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