सीबीआई छापेमारी के बाद तेजस्वी यादव ने ट्वीट करके कहा, 'ऐ हवा जाकर कह दो, दिल्ली के दरबारों से, नहीं डरा है नहीं डरेगा, लालू इन सरकारों से"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: May 21, 2022 02:24 PM2022-05-21T14:24:19+5:302022-05-21T14:33:00+5:30
सीबीआई छापेमारी के अगले दिन यानी शनिवार को बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने लंदन से ट्वीट करके इस कार्रवाई की कड़ी निंदा की है।
पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के कथित रेलवे भर्ती घोटाले में संलिप्तता की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो की टीम ने शुक्रवार को उनसे संबंधित लगभग 15 जगहों पर एकसाथ छापेमारी की।
ये छापे लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी के आधिकारी आवास 10, सर्कुलर रोड सहित उनकी बड़ी बेटी मीसा भारती के दिल्ली स्थित आवास और लालू यादव के गोपालगंज स्थित पैतृक आवास के साथ-साथ रिश्तेदारों के यहां भी हुई।
छापेमारी के अगले दिन यानी शनिवार को बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पिता लालू प्रसाद यादव से संबंधित सीबीआई की इस कार्रवाई की कड़ी निंदा की है।
समाचार वेबसाइट 'द न्यू इंडियन एक्सप्रेस' के मुताबिक केंद्रीय एजेंसी की छापेमारी के बाद तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि लालू यादव न कभी डरे थे और न ही कभी डरेंगे। केंद्र सरकार लालू यादव के खिलाफ चाहे जितना जुल्म कर ले लेकिन लालू यादव अपने स्टैंड पर कायम रहेंगे।
लंदन से ट्वीट करके तेजस्वी यादव ने कहा, "सत्य व तथ्य का मार्ग वह अग्निपथ है जिस पर चलना कठिन है पर असंभव नहीं। देर से ही सही लेकिन विजय सदैव सत्य की ही होती है। लड़ रहे है, जीत रहे है। लड़ते रहेंगे, जीतते रहेंगे। ऐ हवा जाकर कह दो, दिल्ली के दरबारों से, नहीं डरा है नहीं डरेगा, लालू इन सरकारों से।"
सत्य व तथ्य का मार्ग वह अग्निपथ है जिस पर चलना कठिन है पर असंभव नहीं। देर से ही सही लेकिन विजय सदैव सत्य की ही होती है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 20, 2022
लड़ रहे है, जीत रहे है।
लड़ते रहेंगे, जीतते रहेंगे।
ऐ हवा जाकर कह दो, दिल्ली के दरबारों से
नहीं डरा है नहीं डरेगा, लालू इन सरकारों से।
सीबीआई के छापेमारी की यह कार्रवाई ऐसे वक्त में की गई है, जब तेजस्वी यादल एक समारोह में भाग लेने के लिए लंदन गये हुए हैं। वहीं छापेमारी के बाद राजद कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि सीबीआई की टीम ने पटना में राबड़ी देवी के साथ कथित तौर पर बदसलूकी की और उनके लिए असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया।
इस बीच राजद ने एक और बयान जारी करते हुए कहा है कि चूंकि रमजान के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राजद की ओर से दिये इफ्तार पार्टी में शामिल हुए थे और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जातीय गनगणना के मुद्दे पर भाजपा के विरोधी रूख को देखते हुए राजद के करीब आ रहे हैं। इसलिए भाजपा ने नीतीश कुमार को संदेश देने के लिए लालू यादव के ठिकानों पर सीबीआई से छापेमारी से करवाई है।
छापेमारी के बाद राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने भी आरोप लगाते हुए प्रश्न किया, "लालू जी से संबंधित जगहों पर की गई सीबीआई की रेड क्या मुख्यमंत्री नीतीश के लिए चेतावनी है। क्या भारतीय जनता पार्टी नीतीश कुमार और तेजस्वी के बढ़ते मेल-मिलाप से दुखी है।"
इस पूरे मामले में सबसे मजेदार बात यह है कि ये वही शिवानंद तिवारी हैं, जिन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में रेलवे भर्ती घोटाले में जमीन के बदले मौकरी के मामलेो में चिट्ठी लिखी थी। चूंकि मौजूदा समय में वो राजद में हैं इसलिए आज लालू यादव के पक्ष में दलील देते हुए नजर आ रहे हैं।
नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड की ओर से मंत्री अशोक चौधरी ने इस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव के समय रेलवे में भर्ती में पारदर्शिता नहीं रखी गई थी, जिसके कारण भ्रष्टाचार हुआ था। हो सकता है कि सीबीआई को इस मामले में कुछ सबूत मिले हों इसलिए एजेंसी की ओर से यह छापेमारी की गई हो।
इसके साथ ही मंत्री अशोक चौधरी ने सीबीआई छापेमारी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी के बीच हुई बैठकों से जोड़ने की निंदा करते हुए कहा कि अगर कोई नीतीश कुमार के साथ तेजस्वी जी की मुलाकात को इस छापेमारी से जोड़कर देख रहा है तो यह बात बिल्कुल गलत है।
वहीं राज्यसभा सांसद और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सीबीआई के छापेमारी को सही ठहराते हुए कहा कि जब लालू यादव मनमोहन सिंह के कार्यकाल में रेल मंत्री हुआ करते थे तो रेलवे भर्ती में नौकरी देने के बदले बेरोजगारों से उनकी जमीन ली गई थीं और सीबीआई को इस मामले में और कड़ाई से जांच करनी चहिए।