सर्वदलीय बैठक के बाद केंद्र सरकार का बयान, कहा-LAC पर बदलाव की कोशिश बर्दास्त नहीं
By स्वाति सिंह | Published: June 20, 2020 02:12 PM2020-06-20T14:12:50+5:302020-06-20T14:26:25+5:30
भारत-चीन सीमा पर स्थिति के संबंध में विचार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुक्रवार को बुलायी गयी सर्वदलीय बैठक में प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं ने इस संवेदनशील मुद्दे पर अपने विचार सामने रखे। इस डिजिटल बैठक की शुरुआत में उन 20 भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी गयी जो पिछले दिनों पूर्वी लद्दाख में चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में शहीद हो गए थे।
नई दिल्ली: भारत सरकार के बयान में बताया गया कि कल की सर्वदलीय बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि यह सरकार वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) में एकपक्षीय परिवर्तन की अनुमति नहीं देगी। सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उन टिप्पणियों पर स्पष्टीकरण जारी किया कि कोई भी भारतीय क्षेत्र में नहीं घुसा और न ही किसी भारतीय चौकी पर कब्जा किया गया। प्रधानमंत्री मोदी की वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय सीमा की ओर चीनी सेना की कोई मौजूदगी न होने वाली टिप्पणियां सशस्त्र बलों की वीरता के बाद के हालात से जुड़ी हैं।
बता दें कि भारत-चीन सीमा पर स्थिति के संबंध में विचार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुक्रवार को बुलायी गयी सर्वदलीय बैठक में प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं ने इस संवेदनशील मुद्दे पर अपने विचार सामने रखे। इस डिजिटल बैठक की शुरुआत में उन 20 भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी गयी जो पिछले दिनों पूर्वी लद्दाख में चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में शहीद हो गए थे। पीएमओ द्वारा जारी बयान में कहा गया कि सैनिकों के बलिदानों ने ढांचागत निर्माण और 15 जून को गलवान में अतिक्रमण की चीन की कोशिशों को नाकाम कर दिया।
It was made clear (in yesterday’s all-party meeting) that this Government will not allow any unilateral change of the Line of Actual Control (LAC): Government of India Statement https://t.co/lSHi9L59jepic.twitter.com/wUtZ29oZhH
— ANI (@ANI) June 20, 2020
प्रधानमंत्री मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शहीद जवानों के सम्मान में खड़े होकर कुछ देर मौन रखा । शुरुआत में सिंह और जयशंकर ने टकराव के बारे में बात की।
बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राकांपा अध्यक्ष शरद पवार, टीआरएस नेता के चंद्रशेखर राव, जद (यू) नेता नीतीश कुमार, द्रमुक के एम के स्टालिन, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के वाईएस जगन मोहन रेड्डी और शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे भी शामिल हुए। सरकार ने प्रमुख राजनीतिक दलों के अध्यक्षों को बैठक के लिए आमंत्रित किया था।
कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दलों ने सरकार से कहा है कि सीमा पर स्थिति के बारे में उसे पारदर्शी होना चाहिए। विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर सरकार की आलोचना भी की है। मोदी ने जोर दिया है कि भारतीय सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि हमारे सैनिकों ने कर्तव्य के प्रति अनुकरणीय साहस और वीरता दिखाई और भारतीय सेना की सर्वोच्च परंपराओं को निभाते हुए अपने जीवन का बलिदान किया।