खुफिया विभाग ने आधा दर्जन चैरिटी संस्थाओं की रिपोर्ट सरकार को सौंपी, मिशनरीज ऑफ चैरिटीज पर है बच्चे बेचने का आरोप

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: July 16, 2018 07:27 PM2018-07-16T19:27:17+5:302018-07-16T19:27:17+5:30

रिपोर्ट में जिक्र है कि सभी एनजीओ की जांच में यह बात सामने आई है कि इन मिशनरी संस्थाओं को एफसीआरए में भारी भरकम राशि मिली है.

after missionaries of charities baby selling allegation intelligence bureau give report about many charity institutes | खुफिया विभाग ने आधा दर्जन चैरिटी संस्थाओं की रिपोर्ट सरकार को सौंपी, मिशनरीज ऑफ चैरिटीज पर है बच्चे बेचने का आरोप

खुफिया विभाग ने आधा दर्जन चैरिटी संस्थाओं की रिपोर्ट सरकार को सौंपी, मिशनरीज ऑफ चैरिटीज पर है बच्चे बेचने का आरोप

रांची,16 जुलाई। झारखंड की राजधानी रांची में स्थित मदर टेरेसा मिशनरीज ऑफ चैरिटी के विवाद में आने के बाद राज्य पुलिस की खुफिया शाखा ने तकरीबन आधा दर्जन मिशनरी संस्थाओं की गतिविधि को लेकर सरकार को रिपोर्ट सौंपी है. रिपोर्ट के अनुसार मिशनरीज ऑफ चैरिटी में 74 मानसिक रोगी महिलाएं, 15 अविवाहित गर्भवती महिलाओं को रखा गया था.

प्राप्त जानकारी के अनुसार जांच के क्रम में संस्था के सदस्यों ने बताया कि संस्था के संचालन के लिए सरकार से किसी तरह का फंड नहीं लिया जाता. ऐसे में संस्था में रहने वाले लोगों की रिपोर्टिंग सरकार को नहीं दी जाती. रिपोर्ट में जिक्र है कि जांच में यह पाया गया कि संस्था में मानसिक रोगी के नाम पर कम उम्र की युवतियों-महिलाओं को संस्था में रखा जाता था. संस्थान में रहने वाली युवतियों-महिलाओं के बारे में रजिस्टर में इंट्री नहीं की जाती थी.

रिपोर्ट में जिक्र है कि संस्थान में रखने वाली 18 वर्ष से कम उम्र की युवतियों की सूचना संस्थान के द्वारा जिला समाज कल्याण पदाधिकारी को नहीं दी जाती थी जबकि यह अनिवार्य है. रिपोर्ट में जिक्र है कि मिशनरीज ऑफ चैरिटी में रहने वाली महिलाओं-युवतियों के बारे में संस्था के रजिस्टर में अंकित नहीं किया जाता था और न ही संस्था के बाहर जाने और जन्म लेने वाले बच्चों के बारे में भी उल्लेख किया जाता था.

रांची में काम कर रही मिशनरी संस्थाओं की जांच के बाद सौंपे गए रिपोर्ट में कहा गया है कि ये संस्थाएं विदेशों से मिले फंड का दुरुपयोग कर रही हैं. खुफिया शाखा ने वेथल मिशन आश्रम अरसंडे, रांची कार्मेलाइट सोसाइटी, इंस्टीच्यूट ऑफ ऑवलेट सिस्टर्स ऑफ नजारेथ सोसायटी, सेंट विंसेट डे पॉल रांची, साउथ बिहार वेलफेयर फॉर ट्राइबल और सोसायटी ऑफ पीलर बिहार के संबंध में रिपोर्ट दी है.

रिपोर्ट में जिक्र है कि सभी एनजीओ की जांच में यह बात सामने आई है कि इन मिशनरी संस्थाओं को एफसीआरए में भारी भरकम राशि मिली है. इन्हें खर्च करने में एनजीओ के द्वारा अनियमितता बरती गई है. रिपोर्ट में जिक्र है कि प्रथम दृष्टया वित्तिय अनियमितता और कल्याण मद से मिली राशि के दुरूपयोग की भी संभावना जताई गई है.

रजिस्ट्रेशन नंबर 923 में जिस महिला का जिक्र है उसके बारे में संस्था के लोगों ने बताया कि वह अपने भाई के साथ चली गई है, वह अपना बच्चा भी साथ ले गई. महिला के नाम के सामने उसके भाई का मोबाइल नंबर अंकित था. संस्था ने पूर्व में युवती के अपने यहां होने की बात भी छिपाई रिपोर्ट में जिक्र है कि एक जनवरी 2017 के बाद जन्मे 25 बच्चों का कोई अता पता नहीं है.

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Web Title: after missionaries of charities baby selling allegation intelligence bureau give report about many charity institutes

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