लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले BJP को झटका, मणिपुर में NPF ने सरकार से समर्थन वापस लेने का किया ऐलान
By स्वाति सिंह | Published: May 19, 2019 09:53 AM2019-05-19T09:53:39+5:302019-05-19T09:53:39+5:30
बीते हफ्ते एनपीएफ ने एक बयान जारी करके कहा था कि पार्टी उसके विचारों और सुझावों को तवज्जो नहीं दे रही है। इसके बाद एनपीएफ ने इस बात पर फैसला करने के लिये अपने नेताओं की बैठक बुलायी कि उसे गठबंधन में बने रहना है या अपना समर्थन वापस लेना है।
लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले बीजेपी झटका लगा है। पूर्वोत्तर के राज्य मणिपुर में नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार से अपना समर्थन वापस लेने का ऐलान किया है।
बता दें कि मणिपुर में कुल 60 विधानसभा सीटें हैं, इनमें एनपीएफ के चार विधायक हैं और बीजेपी के एन बीरेन सिंह राज्य के मुख्यमंत्री हैं। एनपीएफ का आरोप है कि राज्य में सरकार चलाने के संबंध में उसकी बातों और सलाह पर भाजपा ध्यान नहीं देती है। हालांकि भाजपा ने इन आरोपों से इनकार किया है।
2017 में हुए विधानसभा चुनाव में यहां कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। लेकिन अन्य पार्टियों के समर्थन से बीजेपी ने अपनी सरकार बना ली थी।
एनपीएफ चीफ टी आर जेलियांग ने शनिवार को ट्विट किया 'मणिपुर में एनपीएफ के विधायकों और पार्टी अधिकारियों की मीटिंग के बाद हमने यह निर्णय लिया है कि हम सैद्धातिंक रूप से लोकसभा चुनाव के बाद मणिपुर की बीजेपी सरकार से समर्थन वापस लेंगे। पार्टी ने यह फैसला बीजेपी के उदासीन रवैये के चलते किया है।'
After an intense deliberation and review meeting with the party functionaries and the NPF MLAs of Manipur State, the NPF party has decided in principle to pull out our 4 NPF MLAs from the BJP led Govt. in Manipur headed by N Biren Singh soon after the LS election is completed.
— TR Zeliang (@TRZeliang) May 18, 2019
बीते हफ्ते एनपीएफ ने एक बयान जारी करके कहा था कि पार्टी उसके विचारों और सुझावों को तवज्जो नहीं दे रही है। इसके बाद एनपीएफ ने इस बात पर फैसला करने के लिये अपने नेताओं की बैठक बुलायी कि उसे गठबंधन में बने रहना है या अपना समर्थन वापस लेना है।
वहीं, इन आरोपों को खारिज करते हुए बीजेपी ने कहा था कि उसने सरकार के सुचारू कामकाज को सुनिश्चित करने के लिये अपने सहयोगियों को हरसंभव सुविधाएं दी हैं।
नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के प्रदेश इकाई के प्रमुख अवांगबू नेवमई ने दावा किया था कि बीजेपी अपने गठबंधन सहयोगियों को तुच्छ समझती है। इस बारे में विस्तृत जानकारी दिये बिना उन्होंने कहा, ‘‘2016 में गठबंधन सरकार के गठन के बाद से बीजेपी ने कभी गठबंधन की मूल भावना का सम्मान नहीं किया। ऐसे कई मौके आये जब उनके नेताओं ने हमारे सदस्यों को गठबंधन सहयोगी मानने से इनकार किया ।'