जम्मू कश्मीर: डांगरी हत्याकांड के बाद अब घाटी में फिर से बना है आतंकी हमले का खतरा, गणतंत्र दिवस के मद्देनजर बढ़ाई गई है सुरक्षा
By सुरेश एस डुग्गर | Published: January 7, 2023 05:57 PM2023-01-07T17:57:24+5:302023-01-07T18:09:08+5:30
आपको बता दें कि हाईवे पर आतंकी हमले की संभावना का आकलन करते हुए उसे विभिन्न सेक्टरों में बांटते हुए आवश्यकता अनुसार सुरक्षाबलों की गश्त बढ़ाई गई है। यही नहीं जम्मू रेलवे स्टेशन और बस अड्डों की सुरक्षा कड़ी की गई है साथ ही नाकों पर सैनिकों की संख्या भी बढ़ाई गई है।
जम्मू: गणतंत्र दिवस के नजदीक आते ही जम्मू कश्मीर दोहरे खतरे से सहमने लगा है। यह खतरा सिर्फ पाकिस्तान से सटी सीमाओं पर ही नहीं है बल्कि प्रदेश के भीतर भी आतंकी हमलों का खतरा सुरक्षाबलों के साथ-साथ आम लोगों की नींद हराम करने लगा है।
राज्य में 26 जनवरी की तैयारियां शुरू हुई
राजौरी के डांगरी गांव में हुए हिन्दुओं के हत्याकांड के बाद यह खतरा और ज्यादा महसूस किया जा रहा है। यही नहीं ‘प्रलय’ के दिन अर्थात 26 जनवरी से पहले कश्मीर में लौटे तलाशियों के मौसम ने कश्मीरियों की परेशानी को बढ़ा दिया है।
वाहनों के अतिरिक्त पैदल चलने वालों को रोक कर और लंबी लाइनें लगवा कर तलाशी का क्रम फिर से शुरू होने का परिणाम है कि भयानक सर्दी में लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर है, पर वे चाह कर भी कुछ नहीं कर सकते हैं।
आंतकियों के हमले के मद्देनजर की जा रही सुरक्षा के इंतेजाम
दरअसल खुफिया अधिकारियों का कहना था कि सुरक्षाबलों के बढ़ते दबाव और अधिकांश कमांडरों के मारे जाने से हताश आतंकी संगठन अपने बचे खुचे कैडर का मनोबल बनाए रखने के लिए गणतंत्र दिवस के दौरान राज्य में दोनों राजधानी शहरों श्रीनगर व जम्मू में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं।
आतंकियों के मंसूबों को भांपते हुए वादी में अल्पसंख्यकों की बस्तियों की सुरक्षा की समीक्षा कर उसमें व्यापक सुधार लाने के अलावा विभिन्न धर्मस्थलों की सुरक्षा भी बढ़ाई गई है। सूत्रों ने बताया कि श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
इन जगहों और इलाकों में बढ़ाए गए है सुरक्षा
हाईवे पर आतंकी हमले की संभावना का आकलन करते हुए उसे विभिन्न सेक्टरों में बांटते हुए आवश्यकता अनुसार सुरक्षाबलों की गश्त बढ़ाई गई है। जम्मू रेलवे स्टेशन, बस अड्डों की सुरक्षा कड़ी, नाकों की संख्या बढ़ाई गई है। जम्मू में भी विभिन्न इलाकों में पुलिस व अर्धसैनिकबलों की गश्त बढ़ाई गई है। रेलवे स्टेशन और बस अड्डों की सुरक्षा बढ़ाने के साथ शहर में आने जाने के रास्तों पर भी नाकों की संख्या बढ़ाई गई है।
अभी तक किसी भी आंतकी संगठन ने हमले की धमकी नहीं दी है
अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर भी चौकसी बढ़ाते हुए स्थानीय लोगों को भी किसी संदिग्ध को देखते ही निकटवर्ती सुरक्षा चौकी में सूचित करने के लिए कहा गया है। बावजूद इसके नागरिकों से अधिक सुरक्षाकर्मी दहशतजदा हैं।
पिछले कई दिनों से जिस तरह से कश्मीरी भयानक सर्दी के मौसम से जूझ रहे हैं ठीक उसी प्रकार वे अब तलाशियों के इस मौसम को भी इसलिए सहन करने को मजबूर हैं क्योंकि सुरक्षाबलों को ‘घटनारहित’ गणतंत्र दिवस मनाना है। हालांकि किसी आतंकी गुट ने सीधे तौर पर गणतंत्र दिवस समारोहों पर कोई हमला आदि करने की धमकी नहीं दी है, पर सुरक्षधिकारी कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहते हैं।