गुजरात, कर्नाटक, उत्तराखण्ड के बाद यूपी में कम होंगे चालान रेट, भाजपा शासित सरकार ज्यादा चिंतित

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 12, 2019 08:14 PM2019-09-12T20:14:21+5:302019-09-12T20:16:51+5:30

राज्य के परिवहन राज्यमंत्री अशोक कटारिया ने कहा ''उत्तर प्रदेश की जनता के हित में जुर्माना राशि को कितना किया जाए, इसके बारे में सरकार पुनर्विचार कर रही है।'' उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जल्द ही यातायात नियमों के उल्लंघन के जुर्माने की नयी दरें घोषित करेगी।

After Gujarat, Karnataka, Uttarakhand, challan rates will be lower in UP, BJP-ruled government more worried | गुजरात, कर्नाटक, उत्तराखण्ड के बाद यूपी में कम होंगे चालान रेट, भाजपा शासित सरकार ज्यादा चिंतित

उत्तर प्रदेश की सरकार भी यातायात नियमों के उल्लंघन पर वसूले जाने वाले जुर्माने की दरों पर 'जनता के हित में' फिर से विचार कर रही है।

Highlightsभाजपा शासित गुजरात, उत्तराखण्ड और कर्नाटक राज्यों की सरकारों ने संशोधित मोटर वाहन अधिनियम में जुर्माने की दरें अपने—अपने यहां आधी कर दी हैं।जुर्माने की दरों में पहले के मुकाबले कई गुना बढ़ोतरी की आलोचना और सराहना दोनों ही हो रही है।

गुजरात, कर्नाटक और उत्तराखण्ड के बाद अब उत्तर प्रदेश की सरकार भी यातायात नियमों के उल्लंघन पर वसूले जाने वाले जुर्माने की दरों पर 'जनता के हित में' फिर से विचार कर रही है।

राज्य के परिवहन राज्यमंत्री अशोक कटारिया ने कहा ''उत्तर प्रदेश की जनता के हित में जुर्माना राशि को कितना किया जाए, इसके बारे में सरकार पुनर्विचार कर रही है।'' उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जल्द ही यातायात नियमों के उल्लंघन के जुर्माने की नयी दरें घोषित करेगी।

मालूम हो कि भाजपा शासित गुजरात, उत्तराखण्ड और कर्नाटक राज्यों की सरकारों ने संशोधित मोटर वाहन अधिनियम में जुर्माने की दरें अपने—अपने यहां आधी कर दी हैं, जबकि महाराष्ट्र और गोवा में इसके क्रियान्वयन को टाल दिया गया है। जुर्माने की दरों में पहले के मुकाबले कई गुना बढ़ोतरी की आलोचना और सराहना दोनों ही हो रही है।

संशोधित कानून के उल्लंघन पर हो रही सख्ती की सियासी आलोचना भी हो रही है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गत रविवार को गाजियाबाद में वाहन निरीक्षण के दौरान यातायात पुलिसकर्मियों के कथित दुव्र्यवहार से क्षुब्ध एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर की दिल का दौरा पड़ने से हुई मौत को 'ट्रैफिक टेररिज्म' का नतीजा करार देते हुए बुधवार को कहा था कि उत्तर प्रदेश की सरकार को इस मामले में गुजरात के नक्शेकदम पर चलना चाहिये। 

जुर्माने की दरें कम करने पर विचार कर रही है उप्र सरकार : अखिलेश ने किया तंज

गुजरात, कर्नाटक और उत्तराखण्ड के बाद अब भाजपा शासित उत्तर प्रदेश की सरकार भी यातायात नियमों के उल्लंघन पर वसूले जाने वाले जुर्माने की दरों पर 'जनता के हित में' फिर से विचार कर रही है। सपा ने भाजपा शासित राज्यों द्वारा चालान के नए नियमों को 'न मानने' को भाजपा में 'अतिकेन्द्रीकरण' के विरोध की शुरुआत करार दिया है।

राज्य के परिवहन राज्यमंत्री अशोक कटारिया ने यहां संवाददाताओं से कहा ''उत्तर प्रदेश की जनता के हित में जुर्माना राशि को कितना किया जाए, इसके बारे में सरकार पुनर्विचार कर रही है।'' उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जल्द ही यातायात नियमों के उल्लंघन के जुर्माने की नयी दरें घोषित करेगी। उल्लेखनीय है कि भाजपा शासित गुजरात, उत्तराखण्ड और कर्नाटक राज्यों की सरकारों ने संशोधित मोटर वाहन अधिनियम में जुर्माने की दरें अपने—अपने यहां आधी कर दी हैं, जबकि महाराष्ट्र और गोवा में इसके क्रियान्वयन को टाल दिया गया है।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस पर एक बयान में कहा ''भाजपा शासित राज्यों द्वारा चालान के नए नियमों को न मानना यह दर्शाता है कि ये नियम सच में कितने जनविरोधी एवं दमनकारी है। तभी तो उन राज्यों की इतनी हिम्मत हुई है कि वो 'सख्त फैसले' लेने वाले तथा कथित 'निर्णायक नेतृत्व' को चुनौती दे सके।

ये भाजपा में अतिकेन्द्रीकरण के विरोध की शुरूआत है।'' उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार इन दिनों ऐसे अव्यावहारिक निर्णय कर रही है, जिनसे जनता को दुःख और पीड़ा मिले। यह सिलसिला केन्द्र से लेकर राज्य तक में चल रहा है। 

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