लोकसभा चुनाव 2019: पीएम मोदी ने होलाष्टक के कारण साधा है मौन! होली के बाद जनसभाओं में आएंगे नजर
By हरीश गुप्ता | Published: March 15, 2019 08:19 AM2019-03-15T08:19:01+5:302019-03-15T08:19:01+5:30
लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद पीएम नरेंद्र मोदी के ट्विटर हैंडल से बस कुछ ही ट्वीट्स किए हैं। माना जाता है कि उनके मौन का कारण होलाष्टक है, जिन्हें शुभ नहीं माना जाता है।
14 मार्च 8 फरवरी से 10 मार्च के बीच पूरे देश में तूफानी दौरों के साथ 157 परियोजनाओं का उद्घाटन, शिलान्यास करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एकाएक मौन सा धारण कर लिया है. चुनाव कार्यक्रम की घोषणा को पांच दिन बीत चुके हैं, लेकिन मोदी ने बस कुछ ट्वीट्स ही किए हैं. माना जा रहा है कि उनके मौन का कारण होलाष्टक के 8 दिन हैं, जिन्हें शुभ नहीं माना जाता.
21 मार्च को होली है और सूत्रों के मुताबिक तब तक मोदी शायद ही किसी जनसभा या बड़े सार्वजनिक कार्यक्रम में भाग लें. वैसे 11 मार्च को आचार संहिता लागू होने के बाद भी सरकार का नये अध्यादेश और अधिकारियों की महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति का सिलसिला जारी है. सरकार का दावा है कि उसने कोई नीतिगत फैसला नहीं लिया है और जो कुछ भी किया जा रहा है वह सरकार का नियमित कामकाज है. इस दौरान मोदी ने किसी कार्यक्रम को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये भी संबोधित नहीं किया है.
राजनीतिक व्यस्तता बढ़ी
प्रधानमंत्री कार्यालय के सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री राजनीतिक कामकाज में बेहद व्यस्त हैं. पार्टी के संसदीय दल के अलावा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, अरुण जेटली, राजनाथ सिंह जैसे वरिष्ठ नेताओं के साथ रणनीति पर उनकी निरंतर चर्चा जारी है. सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री चाहते हैं कि वह क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन की स्थितियां साफ हो जाने के बाद ही चुनावी प्रचार के मैदान में उतरें.
घोषणापत्र की तैयारी में जुटा बीजेपी
यह खबर लिखे जाने तक भाजपा का 36 क्षेत्रीय दलों के साथ समझौता हो चुका है. घोषणापत्र की तैयारी भाजपा आलाकमान इस वक्त लोकसभा चुनाव 2019 के लिए घोषणापत्र तैयार करने में जुटा है. राजनाथ सिंह के अलावा प्रचार रणनीति के प्रमुख अरुण जेटली से इस बाबत चर्चा जारी है. मोदी नहीं चाहते कि चुनाव प्रचार में कहीं कोई भी कमी रह जाए. उनके 7 लोकनायक मार्ग स्थित निवास पर चुनावी रणनीति को अंतिम रूप दिया जा रहा है.
भाजपा संसदीय दल की आगामी बैठक (16-17 मार्च) को पहले दो चरणों के उम्मीदवारों के नाम पर मुहर लग सकती है ताकि वह होली के मौके पर अपने निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं के साथ मिल-जुल सकें.