अजीत डोभाल के सीक्रेट मिशन के बाद म्यांमार ने भारत को सौंपे 22 खूंखार उग्रवादी, मणिपुर और असम में आतंक का पर्याय बन चुके थे ये उग्रवादी

By गुणातीत ओझा | Published: May 16, 2020 08:39 AM2020-05-16T08:39:05+5:302020-05-16T12:11:13+5:30

पूर्वोत्तर भारत में उग्रवादी संगठनों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की रणनीति का प्रभावी असर अब दिखने लगा है। म्यांमार ने इस क्षेत्र में सक्रिय 22 उग्रवादियों को भारत को सौंपा है। इन उग्रवादियों को म्यांमार की सेना ने मुठभेड़ के दौरान पकड़ा था।

After Ajit Doval s secret mission Myanmar handed over 22 militants to India | अजीत डोभाल के सीक्रेट मिशन के बाद म्यांमार ने भारत को सौंपे 22 खूंखार उग्रवादी, मणिपुर और असम में आतंक का पर्याय बन चुके थे ये उग्रवादी

अजित डोभाल के सीक्रेट मिशन के बाद म्यांमार ने भारत को सौंपे 22 उग्रवादी।

Highlightsपूर्वोत्तर भारत में उग्रवादी संगठनों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की रणनीति का प्रभावी असर अब दिखने लगा है। म्यांमार ने इस क्षेत्र में सक्रिय 22 उग्रवादियों को भारत को सौंपा है। इन उग्रवादियों को म्यांमार की सेना ने मुठभेड़ के दौरान पकड़ाभारत में वारदात को अंजाम देने के बाद ये खूंखार उग्रवादी सीमा पार कर म्यांमार में छिप जाते थे। डोभाल की निगरानी में हुए गुप्त अभियान के बाद एनडीएफबी (एस) के स्वयंभू गृह सचिव राजेन डिमरी समेत 22 से अधिक उग्रवादियों को शुक्रवार को भारत सौंप दिया।

नई दिल्ली। पूर्वोत्तर भारत में उग्रवादी संगठनों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की रणनीति का प्रभावी असर अब दिखने लगा है। म्यांमार ने इस क्षेत्र में सक्रिय 22 उग्रवादियों को भारत को सौंपा है। इन उग्रवादियों को म्यांमार की सेना ने मुठभेड़ के दौरान पकड़ा था। बता दें कि भारत में वारदात को अंजाम देने के बाद ये खूंखार उग्रवादी सीमा पार कर म्यांमार में छिप जाते थे। डोभाल की निगरानी में हुए गुप्त अभियान के बाद एनडीएफबी (एस) के स्वयंभू गृह सचिव राजेन डिमरी समेत 22 से अधिक उग्रवादियों को शुक्रवार को भारत सौंप दिया।

मणिपुर और असम पुलिस की गिरफ्त में होंगे उग्रवादी

अधिकारियों ने बताया कि उग्रवादियों को एक विशेष विमान से भारत लाकर मणिपुर और असम में पुलिस बलों के हवाले कर दिया गया, जहां उन्हें वांछित घोषित किया गया था। अधिकारियों ने कहा कि 10 उग्रवादी मणिपुर जबकि शेष असम में वांछित थे। उन्होंने कहा कि इसे म्यांमार की सेना के साथ विचार-विमर्श करने वाले डोभाल की अगुवाई में एक ''अभूतपूर्व कूटनीतिक सफलता माना जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप भारत के पूर्वी पड़ोसी देश ने पहली बार इस तरह विद्रोहियों को भारत के हवाले किया है। अधिकारियों ने कहा कि इसे दोनों देशों के बीच कूटनीतिक और सैन्य संबंध में गहराई के संकेत के तौर पर भी देखा जा रहा है।

इन उग्रवादियों की हुई गिरफ्तारी

म्यांमार से भारत डिपोर्ट किए गए उग्रवादियों में एनडीएफबी (एस) का कथित गृह सचिव राजेन डाइमरी, यूएनएलएफ का कैप्टेन सनतोम्बा निंगथौजम के अलावा एक और उग्रवादी संगठन का कमांडर परशुराम लेशराम शामिल है। इन 22 विद्रोहियों में से 4 मणिपुर के चार विद्रोही गुटों के सदस्य हैं जबकि, शेष 10 असम के विद्रोही गुटों के सक्रिय सदस्य हैं।

अजीत डोभाल के नेतृत्व में मजबूत हुए सैन्य संबंध

अजीत डोभाल के नेतृत्व में भारत और म्यांमार के बीच सैन्य संबंध पहले से अधिक मजबूत हुए हैं। 2018 में भारतीय सेना ने म्यांमार सेना के साथ मिलकर पूर्वोत्तर में एक सर्जिकल स्ट्राइक को भी अंजाम दे चुकी है। इसमें बड़ी संख्या में उग्रवादी मारे गए थे। ये सभी उग्रवादी भारत द्वारा बनाए जा रहे एक महत्वकांक्षी सड़क निर्माण प्रक्रिया में बार-बार बाधा डाल रहे थे।

Web Title: After Ajit Doval s secret mission Myanmar handed over 22 militants to India

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