नोटबंदी के ठीक 5 दिन बाद अहमदाबाद के बैंक में जमा हुए 745.59 करोड़, अमित शाह हैं बैंक के चेयरमैन
By भारती द्विवेदी | Published: June 22, 2018 03:40 PM2018-06-22T15:40:44+5:302018-06-22T15:40:44+5:30
31 मार्च 2017 तक एडीसीबी में कुल 5,050 करोड़ रुपये जमा हुए थे। वित्त वर्ष 2016-17 का इसका मुनाफा 14.31 करोड़ का था।
नई दिल्ली, 22 जून: अहमदाबाद के जिला सहकारी बैंक (एडीसीबी) में नोटबंदी के ठीक पांच दिन बाद 745.59 करोड़ रुपये जमा हुए थे। ये सारे 500-1000 के पुराने नोट थे। गौरतलब है नोटबंदी के बाद पांच सौ और हजार के नोट बैंकों ने वापस मांग लिए थे। इसका खुलासा एक आरटीआई द्वारा हुआ है। ये आरटीआई मुंबई के एक्टिविस्ट ने मनोरंजन एस रॉय डाली थी, जिसके जवाब में उन्हें ये जानकारी नाबार्ड (जो इन बैंकों की सर्वोच्च अपीलीय इकाई) के चीफ जनरल मैनेजर एस. सर्वनावेल ने दी है। और दिलचस्प बात ये है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह इस जिला सहकारी बैंक के निदेशक हैं।
आठ नंवबर 2016 को प्रधानमंत्री मोदी ने नोटबंदी की घोषणा की थी। पहले उन्होंने 30 दिसंबर 2016 तक आम जनता को पुराने नोट जमा करने का समय दिया था। लेकिन काले धन के सफेद करने के डर से वो तारीख बदलकर 14 नवंबर कर दी गई। नए निर्देश में ये कहा गया कि किसी भी सहकारी बैंक में नोट नहीं बदले जाएंगे। लेकिन नोटबंदी के ठीक पांच दिन बाद एडीसीबी बैंक में 745.59 करोड़ की रकम जमा की गई थी। बैंक की वेबसाइट के मुताबिक बीजेपी अध्यक्ष सालों से इस बैंक के निदेशक हैं। साल 2000 में वे इस बैंक के अध्यक्ष भी रह चुके थे।
31 मार्च 2017 तक एडीसीबी में कुल 5,050 करोड़ रुपये जमा हुए थे। वित्त वर्ष 2016-17 का इसका मुनाफा 14.31 करोड़ का था। ये कलेक्शन 122 ब्रांच के 22 लाख खाताधारियों का था। और ये सारी राशि सही तरीके से जमा कराए गए हैं।
नोटबंदी के दौरान एडीसीबी के बाद सबसे ज्यादा प्रतिबंधित नोट राजकोट जिला सहकारी बैंक में जमा हुआ है। राजकोट बैंक के चेयरमैन जयेशभाई विट्ठलभाई रदाड़िया हैं, जो गुजरात की विजय रूपाणी सरकार में कैबिनेट मिनिस्टर हैं। इस बैंक में 693.19 करोड़ के पुराने नोट जमा हुए थे।
गुजरात में राजकोट भाजपा का राजनीतिक गढ़ माना जाता है। साल 2001 में नरेंद्र मोदी पहली बार यहीं से विधायक बने थे। वहीं राज्य के सबसे बड़े सहकारी बैंक 'गुजरात सहकारी बैंक लिमिटेड' में इन दोनों सहकारी बैंकों के मुकाबले बहुत कम रुपए 1.11 करोड़ रुपये जमा हुए थे।
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