PFI पर प्रतिबंध के बाद इसके कैडरों को मजबूत करने में लगा राजनीतिक संगठन SDPI, कहा- डराने-धमकाने से नहीं झुकेंगे
By अनिल शर्मा | Published: January 28, 2023 08:11 AM2023-01-28T08:11:55+5:302023-01-28T08:16:04+5:30
एसडीपीआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष एमके फैजी ने गुरुवार को कोच्चि में एक विरोध सभा को संबोधित करते हुए कहा, 'हम वापसी करेंगे। चल रहे दबदबे और संपत्तियों की कुर्की से कोई बेसहारा नहीं रहेगा। एक राजनीतिक दल के रूप में हम अपने परिवारों और कार्यकर्ताओं की रक्षा करेंगे।

PFI पर प्रतिबंध के बाद इसके कैडरों को मजबूत करने में लगा राजनीतिक संगठन SDPI, कहा- डराने-धमकाने से नहीं झुकेंगे
केरलः पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर प्रतिबंध लगने के बाद संगठन की राजनीतिक शाखा सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) अपने कार्यकर्ताओं को फिर से संगठित करने और केरल में पार्टी को मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। गौरतलब है कि संगठन के कई शीर्ष नेता इस वक्त जेल में हैं। ऐसी भी खबरें हैं कि एसडीपीआई कथित तौर पर पीएफआई के पूर्ववर्ती कैडरों को मजबूत कर रही है जिसको लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय चुनाव आयोग का रुख कर सकता है।
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, एक खुफिया अधिकारी ने कहा कि पूर्ववर्ती स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के कैडरों के फिर से समूहीकरण से एक सबक सीखने के बाद, जिसने बाद में इंडियन मुजाहिदीन जैसे कई संगठनों का गठन किया, एजेंसियां एसडीपीआई पर कड़ी नजर रख रही हैं।
एसडीपीआई अपनी गतिविधियों को तेज कर दिया है। पार्ट ने 26 जनवरी को राज्य सचिवालय और कोच्चि के बाहर आयोजित बैठकों के साथ पूरे राज्य में विरोध शुरू कर दिया है। पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के मुताबिक वे सभी जिला मुख्यालयों में रैलियां करने की भी योजना बना रहे हैं।
एसडीपीआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष एमके फैजी ने गुरुवार को कोच्चि में एक विरोध सभा को संबोधित करते हुए कहा, 'हम वापसी करेंगे। चल रहे दबदबे और संपत्तियों की कुर्की से कोई बेसहारा नहीं रहेगा। एक राजनीतिक दल के रूप में हम अपने परिवारों और कार्यकर्ताओं की रक्षा करेंगे। पार्टी आरएसएस नियंत्रित सरकार द्वारा उठाए गए फासीवादी कदमों का पर्दाफाश करेगी।' उन्होंने कहा कि धमकी और डराने-धमकाने से इसके कैडर नहीं झुकेंगे और वे उन्हें लोकतांत्रिक तरीके से उठाएंगे।
गौरतलब है कि पिछले साल 24 सितंबर को राज्य में पीएफआई बंद के दौरान सार्वजनिक संपत्तियों को नष्ट करने के संबंध में उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद पिछले सप्ताह पीएफआई नेताओं (कुल 248) के कई घरों, कार्यालयों और अन्य संपत्तियों को पुलिस और राजस्व अधिकारियों द्वारा जब्त कर लिया गया था। संगठन ने तब शीर्ष नेताओं की गिरफ्तारी के एक दिन बाद राज्य में बड़े पैमाने पर हिंसा की थी जिसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया था।
वहीं एसडीपीआई के राज्य अध्यक्ष मुवत्तुपुझा अशरफ मौलवी ने आरोप लगाया है कि संपत्ति कुर्क करने की आड़ में प्रदेश में अमानवीय हरकतें की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि 'मोहम्मद जुबैर के घर पर भी नोटिस चिपकाए गए थे, जिसकी पलक्कड़ में आरएसएस कार्यकर्ताओं ने प्रतिबंध से छह महीने पहले हत्या कर दी थी।' उन्होंने लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) पर केरल में संघ परिवार की विचारधारा के विकास को सुविधाजनक बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय खुफिया एजेंसियां हर जगह उनका (संघ) साथ दे रही हैं, जिससे पार्टी की राजनीतिक स्वतंत्रता खत्म हो रही है। लेकिन एलडीएफ के संयोजक ई पी जयराजन ने यह कहते हुए इसका खंडन किया कि सरकार अदालत के निर्देश का पालन कर रही है और उसने अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक सांप्रदायिकता दोनों का विरोध किया है।
कोच्चि में एक अन्य वरिष्ठ खुफिया अधिकारी ने कहा कि हम प्रतिबंधित पीएफआई के कुछ कैडरों पर कड़ी नजर रख रहे हैं और हम उन्हें कुछ अन्य नामों से फिर से समूहीकृत करने की अनुमति नहीं देंगे। पीएफआई के धन उगाहने वाले चैनल, प्रचार तंत्र और विरोधियों को निशाना बनाने के लिए इसकी गुप्त शाखा पर हमारी कड़ी नजर है।