अफगानिस्तान सांसद को दिल्ली एयरपोर्ट से वापस भेजा गया, कहा- मेरे साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया गया

By दीप्ती कुमारी | Published: August 27, 2021 09:31 AM2021-08-27T09:31:00+5:302021-08-27T09:35:23+5:30

अफगानिस्तान की सांसद को भारतीयों नियमों के तहत दिल्ली एयरपोर्ट पर ही रोक दिया गया औऱ अपने देश वापस भेज दिया गया क्योंकि भारत केवल अफगान हिंदू और सिखों को शरण देगा न कि मुस्लिमों को ।

afghan woman mp deported at delhi airport india expresses regret afghanistan taliban | अफगानिस्तान सांसद को दिल्ली एयरपोर्ट से वापस भेजा गया, कहा- मेरे साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया गया

फोटो सोर्स - सोशल मीडिया

Highlightsअफगानिस्तानी सांसद का छलका दर्द कहा- वह अफगान हिंदू और सिख को शरण देंगे मुझे नहीं कारगर ने कहा कि मेरे साथ दिल्ली एयरपोर्ट पर अपराधियों जैसा व्यवहार किया गया विदेश मंत्रालय ने फोन कर मांगी माफी

दिल्ली :  अफगानिस्तान की युवा महिला सांसद को शनिवार सुबह  उतरने के बाद दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर डिपोर्ट कर दिया गया। । उन्होंने 20 अगस्त को चिकित्सा कारणों से इस्तांबुल से दिल्ली की यात्रा की थी लेकिन उन्हें हवाई अड्डे से बाहर नहीं जाने दिया गया । हालांकि वह भारत में शरण लेने के इरादे से नहीं आई थी केवल चिकित्सा संबंधी जरूरत से आई थी । 

अफगानिस्तान के फरयाब प्रांत की प्रतिनिधि वोलेसी जिरगा की सदस्य रंगिना कारगर ने कहा कि राजनयिक/आधिकारिक पासपोर्ट रखने के बावजूद उन्हें देश में प्रवेश करने की अनुमति नहीं मिली जबकि इसी आधार पर वह कई बार भारत की यात्रा कर चुकी है । सुरक्षा अधिकारियों ने कारगर को हवाईअड्डे पर ही रोक दिया । वह सुबह 6 बजे दिल्ली पहुंची थी और रात 10 बजे उन्होंने भारत से वापस उड़ान भरी । उन्हें वापस दुबई के रास्ते इंस्ताबुल भेज दिया गया । 

सांसद ने कहा कि "मेरे पास तब न खाना था और न ही पानी, जब मैंने उनसे कहा कि मैं संसद सदस्य हूं । तब भी उन्होंने मुझे इंतजार करवाया । ऐसा इसलिए क्योंकि शायद अब हालात बदल गए हैं । सुरक्षा कारणों से ऐसा किया गया हो लेकिन फिर भी मैं भारत से कहना चाहती हूं कि जब हम अफगानिस्तान में वापस सत्ता में लौट आएंगे, तब वे क्या करेंगे । 


विदेश मंत्रालय (MEA) को शुरू में इस घटना की जानकारी नहीं थी । मंत्रालय के पाकिस्तान-ईरान-अफगानिस्तान डिवीजन के संयुक्त सचिव जेपी सिंह ने उन्हें फोन किया और उनके साथ हुए व्यवहार पर माफी मांगी । 

कारगर ने कहा कि “मुझे निर्वासित किए जाने के बाद, मंत्रालय के एक सचिव ने मुझे फोन किया और इस कार्रवाई के लिए खेद व्यक्त किया। उन्होंने मुझसे कहा कि अगर मुझे कभी आने की जरूरत पड़ी तो मैं सिर्फ ई-वीजा के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकती हूं और इसमें सुविधा होगी लेकिन यह बहुत महंगा है । मेरी एक साल की बेटी, जिसके आने से पहले मैंने वीजा के लिए आवेदन किया था, उसे अभी भी वीजा नहीं मिला है और एक सप्ताह हो गया है । "

“उन्होंने मुझे निर्वासित कर दिया और मेरे साथ एक अपराधी की तरह व्यवहार किया गया । मुझे दुबई में मेरा पासपोर्ट नहीं दिया गया । यह मुझे केवल इस्तांबुल में वापस दिया गया था, ”

अफगानी सिखों और हिंदुओं के साथ अफगान मुसलमानों के विरोध के रूप में व्यवहार किए जाने के बारे में बोलते हुए, उन्होंने कहा, “हमारे ऐतिहासिक संबंध हैं, राजनीतिक और दूसरे संबंध भी है । दुनिया भर में, यूरोप और अन्य राष्ट्र अफगान लोगों को शरण प्रदान करते रहे हैं। मैं शरण भी नहीं मांग रही थी लेकिन उन्होंने मुझे भारत में प्रवेश नहीं करने दिया । कारगर ने कहा कि  अगर मेरे देश में बदले हुए हालातों के कारण मैं शरण लेने आती तो भारत को मुझे शरण देना चाहिए था लेकिन उन्होंने मुझे इलाज के लिए भी नहीं शरण दी । 

उन्होंने कहा, "उन्होंने अनारकली और नरेंद्र सिंह खालसा जैसे सांसदों को स्वीकार किया लेकिन उन्होंने मुझे स्वीकार नहीं किया । हमने पहले कभी ऐसी हरकतें, भेदभाव नहीं देखा। यह पहली बार था। उन्होंने हमें बांट दिया है। वे अफगान हिंदुओं और सिखों को निकालने के लिए निजी विमान भेजते हैं लेकिन उन्होंने मुझे स्वीकार नहीं किया।”
 

Web Title: afghan woman mp deported at delhi airport india expresses regret afghanistan taliban

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे