कांग्रेसियों की जुबान पर भी आडवाणी की चर्चा, गांधीनगर सीट पर शाह को कड़ी चुनौती दे रहे चावड़ा

By महेश खरे | Published: April 17, 2019 05:45 AM2019-04-17T05:45:07+5:302019-04-17T05:45:07+5:30

भाजपा ने 75 वर्ष की उम्र से जुड़े फार्मूले पर अमल के बहाने भले ही अपने बुजुर्गों को घर बैठा दिया हो

Advani's discussions on Congress leaders, Chawda challenging Shah on Gandhinagar seat | कांग्रेसियों की जुबान पर भी आडवाणी की चर्चा, गांधीनगर सीट पर शाह को कड़ी चुनौती दे रहे चावड़ा

कांग्रेसियों की जुबान पर भी आडवाणी की चर्चा, गांधीनगर सीट पर शाह को कड़ी चुनौती दे रहे चावड़ा

भाजपा ने 75 वर्ष की उम्र से जुड़े फार्मूले पर अमल के बहाने भले ही अपने बुजुर्गों को घर बैठा दिया हो लेकिन गुजरात की राजधानी आज भी अपने लौहपुरुष लालकृष्ण आडवाणी को याद करती है. इस बार पार्टी अध्यक्ष अमित शाह गांधीनगर से भाजपा प्रत्याशी हैं. पिछले चुनाव में इन्हीं के हाथ आडवाणी के चुनाव की कमान रही थी. आडवाणी 6 बार गांधीनगर की जनता का आशीर्वाद पाकर लोकसभा पहुंच चुके हैं. पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी और पूर्व मुख्यमंत्री शंकरसिंह वाघेला भी इससे पहले यहां से चुनावी मैदान में उतर चुके हैं.

भाजपा के मजबूत गढ़ गांधीनगर में हमेशा पहली पंक्ति के चेहरे ही भाग्य आजमाते रहे हैं. इस बार अमित शाह को चुनौती देने के लिए कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ विधायक सी. जे. चावड़ा को चुनाव मैदान में उतारा है. भाजपा से ज्यादा तो कांग्रेस प्रत्याशी की टीम के लोग ही आडवाणी की चर्चा कर रहे हैं.

गांधीनगर सीट के अंतर्गत 7 विधानसभा क्षेत्र हैं. गांधीनगर उत्तर और कलोल कांग्रेस के पास हैं जबकि बाकी 5 सीटें शहरी क्षेत्र वाली सानंद, घटलोदिया, वेजालपुर, नरनपुरा और साबरमती पर भाजपा का कब्जा है. 2008 के परिसीमन के पहले अमित शाह सरखेज विधानसभा सीट से चुनाव लड़ते रहे हैं. बाद में सरखेज तीन सीटों नरनपुरा, घाटलोदिया और वेजालपुर में विभाजित हो गई. इसके बाद शाह ने अपने गृहनगर की सीट नरनपुरा से ही चुनावी भाग्य आजमाना शुरू किया. शाह ने जंगी रोड-शो के जरिये सोमवार को गांधीनगर और अहमदाबाद की चुनावी फिजा को बदलने का प्रयास किया.

शाह बीते चार दिन अपने संसदीय क्षेत्र में ही रहे. पार्टी पदाधिकारियों के साथ प्रचार की रणनीति और बूथ प्रबंधन पर मंथन होता रहा. साथ ही सामाजिक संगठनों के अग्रणियों के साथ विमर्श भी हुआ. सामाजिक समीकरणों को ध्यान में रखकर योजना बनी.  गांधीनगर संसदीय सीट का जाति समीकरण भी भाजपा के अनुकूल रहे हैं. यहां के वातावरण में लहर या हवा दिखती नहीं है. एक अंडर करंट काम करता रहा है. वैसे यहां 2.50 लाख पाटीदार, 1.40 लाख वैश्य, 1.88 लाख दलित और लगभग डेढ लाख ठाकोर हैं. 

Web Title: Advani's discussions on Congress leaders, Chawda challenging Shah on Gandhinagar seat